तुर्की और सीरिया में सोमवार सुबह 7.8 तीव्रता के भीषण भूकंप में अब तक 1300 लोगों की मौत हो गई है जबकि 5,380 लोग घायल हो गए हैं। भूकंप में 2818 इमारतें जमींदोज हो गईं और मलबे के भीतर से 2470 लोगों को बचाया गया है। समाचार एजेंसी एपी की रिपोर्ट के मुताबिक, अभी भी हजारों लोग मलबे में फंसे हुए हैं। बड़े पैमाने पर बचाव एवं राहत अभियान जारी है।
तुर्की के राष्ट्रपति रेचेप तैय्यप एर्दोगन ने भूकंप के मद्देनजर आपात बैठक की, जिसमें भूकंप पीड़ितों के लिए हरसंभव मदद की पेशकश की है।
भूकंप की भारी तबाही झेल रहे तुर्की सीरिया की मदद के लिए भारत आगे आया है। प्रधानमंत्री कार्यलय की अगुवाई में सोमवार को हुई उच्चस्तरीय बैठक में फैसला लिया गया कि राहत और बचाव मिशन में मदद के लिए भारत से NDRF की दो टीमें रवाना होंगी। इस टीम में 100 से ज्यादा जवान शामिल होंगे। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तुर्कीये में आए भूकंप में जान गंवाने वालों को श्रद्धांजलि दी। उन्होंने कहा कि 140 करोड़ भारतीयों की संवेदनाएं तुर्किये के साथ हैं।
भूकंप का एपिसेंटर तुर्किये का गाजियांटेप शहर था। यह सीरिया बॉर्डर से 90 किमी दूर है। इसलिए इसके आसपास के इलाकों में ज्यादा तबाही हुई। इसका असर भी दिख रहा है। दमिश्क, अलेप्पो, हमा, लताकिया समेत कई शहरों में इमारतें गिरने की खबर है।
इस भीषण भूकंप में तुर्की का एक अस्पताल ताश के पत्तों की तरह ढह गया, जिसमें नवजात सहित कई लोगों को बचाया गया। तुर्की के एक शहर अडाना में एक शख्स ने बताया कि उनके घर के पास की इमारत एक झटके में जमींदोज हो गई।