दुबई की कोर्ट ने दो भारतीयों को सुनाई 500 साल की सजा

दुबई कोर्ट ने गोवा के दो लोगों को 500 साल की सजा सुनाई है। 37 साल के सिडनी लिमोस और उनके अकाउंट स्पेशलिस्ट 25 साल के रियान डिसूजा को 200 मिलियन डॉलर के घोटाले में हजारों निवेशकों को धोखा देने के मामले में यह सजा सुनाई गई है। सिडनी लिमोस 2015 में उस वक्त सुर्खियों में आया था जब उसने वह सुपर लीग की फ्रेंचाइजी एफसी गोवा का मुख्य स्पॉन्सर बन गया था। उस समय लिमोस की तस्वीर कई नामचीन हस्तियों के साथ आई थी जिसमें अमिताभ बच्चन से लेकर सचिन तेंदुलकर भी थे।

लिमोस ने अपनी कंपनी के जरिये लोगों को प्रलोभन दिया कि वह 25 हजार डॉलर के निवेश पर उन्हें 120 प्रतिशत का न्यूनतम सालाना रिटर्न देगा। लिमोस की पत्नी वलानी पर भी केस रजिस्टर किया गया है। उन पर गैरकानूनी रूप से सील ऑफिस में घुसने और दस्तावेज ले जाने का आरोप है।लिमोस की कंपनी ने शुरूआत में लोगों को पैसे दिए लेकिन मार्च 2016 के बाद से उन्हें रिटर्न देना बंद कर दिया। दुबई की आर्थिक विभाग को जब कंपनी के फर्जीवाड़े का पता चला तो उसने उसके दफ्तर पर ताला जड़ दिया।

गोवा में रहने वाले लिमोस को इससे पहले दिसंबर 2016 में गिरफ्तार किया गया था। लेकिन उसके बाद उसे जमानत पर रिहा कर दिया गया था। हालांकि पिछले साल जनवरी में भी उसे एक बार फिर से गिरफ्तार किया गया था। वहीं सजोलिम के रहने वाले रियान को पिछले साल फरवरी में दुबई एयरपोर्ट पर गिरफ्तार किया गया था।

इस फैसले के बाद कुछ पीड़ितों ने कोर्ट के इस फैसले के प्रति संतोष व्यक्त किया है। एक पीड़ित जिसने 50,000 डॉलर का निवेश किया था ने कहा- कोर्ट का फैसला सुखद है, न्याय किया गया है। एक्सेंशियल को हमें भुगतान करना होगा। यह निर्णय कि वे अब दुबई छोड़कर नहीं जा सकते हैं ये हमारे लिए अच्छा है। उसने कहा, हम अब अपने पैसे वापस चाहते हैं। कईयों ने उम्मीद खो दी है लेकिन हमें अभी भी अपने पैसे वापस मिलने की उम्मीद है।