कोरोनाः चीन ने लिया ये बड़ा फैसला, हर साल बचेगी एक करोड़ कुत्तों की जान

कोरोना वायरस के फैलने की अहम वजह जानवरों का सेवन बताई जा रही है। चीन में चमगादड़, सुअर, गाय, मुर्गियों, भेड़, कुत्ते और बिल्लियों सहित विभिन्न प्रकार के पशु व पक्षी खाए जाते हैं और कोरोना वायरस चीन से ही पूरे दुनिया में फैला है जिसका अभी तक कोई इलाज नहीं निकल पाया है। कोरोना वायरस के चलते हजारों लोगों की जान जा चुकी है। ऐसे में कोरोना से डरे हुए चीन ने अब कुत्तों और बिल्लियों को मवेशियों की सूची से बाहर कर दिया है और उन्हें कम्पैनियन (साथी) ऐनिमल का दर्जा देने वाला कानून पेश किया है जिसका पशुओं के अधिकारों के लिए काम करने वाले संगठन तारीफ कर रहे हैं। उनका मानना है कि इस चीन में कुत्तों के मीट के व्यापार पर रोक लगेगी और अनुमान के मुताबिक हर साल एक करोड़ कुत्तों को बचाया जा सकेगा।

कुत्तों और बिल्लियों को मवेशियों की सूची से किया बाहर

चीनी कृषि मंत्रालय और ग्रामीण अफेयर ने जानवरों की सूची जारी की जिनका मीट देश में बेचा जा सकता है। इस लिस्ट में सुअर, गाय, मुर्गियां और भेड़ हैं लेकिन कुत्ते और बिल्ली को इससे अलग रखा गया है। चीन ने हाल के सप्ताह में कोरोना वायरस के चलते जंगली जानवरों के खाने पर रोक लगा दी थी।

सार्स के बाद भी उठाए थे ऐसे कदम

2003 सार्स वायरस के संक्रमण के बाद भी इसी तरह के कदम उठाए गए थे, लेकिन ऐसा लग रहा है कि ये कदम इस बार ज्यादा गंभीरता से लिए जा रहे हैं। दक्षिण शहर शेंजेन ने तो कुत्ते और बिल्ली सहित जंगली जानवरों के मीट पर पूरी तरह से बैन लगा दिया है जिसकी भी ऐनिमल राइट वालों ने सराहना की है। गुरुवार को ह्युमन सोसायटी इंटरनैशनल ने कहा कि ताजा दस्तावेज से यह जाहिर होता है कि चीन कुत्ते और बिल्ली के मीट के व्यापार को खत्म करने की दिशा में सोच रहा है। इसने कहा, 'यह शेंजेन में कुत्ते और बिल्ली के मीट पर पाबंदी के बाद आया है। यह बेहद सराहनीय है।' इसने कहा, 'यह पहली बार है जब चीनी सरकार ने बताया है कि आधिकारिक पशुओं की सूची से कुत्ते को क्यों हटाया गया है, वे साथ रखने वाले जानवर हैं न कि खाने वाले।'