इन लोगों के सेविंग बैंक खातों पर हो सकती है आतंकवादियों की नज़रें, बचने के लिए फटाफट करें ये काम

डोरमैट खातों को लेकर देश के बड़े प्राइवेट बैंक ICICI ने ग्राहकों को सावधान किया है। ट्विटर अकाउंट के जरिए अपने ग्राहकों को बैंक ने बताया कि डोरमैट खातों फिशिंग स्कैम की आशंका बनी हुई है। इन खातों के जरिए गैर-कानूनी ट्रांजेक्शन (लेन-देन) किया जा सकता है। इस तरह के खातों पर आतंकवादियों की नज़रें भी होता है।

कैसे होता है खाता डोरमैट


अगर आपने किसी बैंक में बचत खाता खोल रखा है और उसे आप 24 महीने तक यूज नहीं करते हैं तो पहले वह इनऑपरेटिव होता है। इसके बाद इसके डोरमैट कैटेगिरी में डाल दिया जाता है। RBI की गाइडलाइन के मुताबिक अगर किसी बैंक खाते में एक साल तक कोई लेन-देन नहीं हो रहा है, तो उसे 'इनऑपरेटिव' अकाउंट की श्रेणी में रख दिया जाता है। ऐसा इसलिए किया जाता है, ताकि उन्हें किसी भी संभावित फ्रॉड से बचाया जा सके। खाता इनऑपरेटिव हो जाने पर भी अगर कुछ पैसा आपके खाते में जमा है, तो उस पर ब्याज मिलता रहेगा। आपका खाता जब इनऑपरेटिव हो जाता है, तो बैंक आपको इसको लेकर सूचित करता है। लेकिन इस सूचना के बाद भी आप ने उस खाते से कोई लेन-देन नहीं किया, तो 24 महीने से ज्यादा का वक्त होने के बाद वह 'डोरमैंट' अकांउट बन जाएगा। हालाकि एक्सपर्ट्स का कहना है कि ज्यादातर सरकारी बैंक खाते में तीन साल तक कोई लेनदेन नहीं होने पर इसे इनऑपरेटिव घोषित कर देते हैं और अगर दस वर्ष तक कोई लेनदेन नहीं होता है तो उस खाते को डोरमैट खाता घोषित किया जाता है। अकाउंट एक बार डोरमैंट हो गया, तो बैंक से जुड़े कई और लेन-देन भी आप नहीं कर पाएंगे। आप एटीएम से भी कोई लेन-देन कर पाएंगे। आपकी इंटरनेट बैंक‍िंग और फोन बैंक‍िंग की सुविधा भी खत्म कर दी जाएगी।

खाता डोरमैंट या इनऑपरेटिव होने पर क्या करे

आपका खाता 'इनऑपरेटिव' हो गया है, तो आप उसे एक्ट‍िव कर सकते हैं। कई बैंक आपको ये सुविधा देते हैं कि आप एक लेन-देन कर लें, तो खाता एक्ट‍िव हो जाएगा। हालांकि कई बैंक आपको एक्ट‍िवेशन फॉर्म भरने के लिए भी कह सकते हैं। डोरमैंट की बात करें, तो इसे एक्ट‍िवेट कराने के लिए आपको बैंक जाकर एक्टिवेशन फॉर्म भरना होगा।