पाकिस्तान : लॉकडाउन बना महिलाओं के लिए अभिशाप, बढ़े घरेलू हिंसा के मामले

पूरी दुनिया में कोरोना के चलते स्थिति ऐसी हैं कि लॉकडाउन लगा हुआ हैं और सभी प्रतिबंधों के चलते अपने घरों में कैद हैं। लॉकडाउन के कारण लोगों को जहां कई परेशानियों का सामना करना पड़ा हैं वहीँ महिलाओं के लिए भी यह अभिशाप साबित हुआ हैं। पाकिस्तान में कोविड-19 महामारी के लॉकडाउन के कारण महिलाओं को घरेलू हिंसा का सामना करना पड़ा हैं। पाकिस्तान के सतत सामाजिक विकास संगठन (SSDO) ने कहा है कि जिस तरह से देश में महिलाओं के खिलाफ घरेलू हिंसा बढ़ी है उसे देखते हुए पाकिस्तानी महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा के लिए सरकार को कानून लागू करना चाहिए।

पाकिस्तानी अखबार द नेशन के मुताबिक, इमरान सरकार ने अप्रैल 2020 में राष्ट्रव्यापी आंशिक लॉकडाउन लागू किया था जो जून तक चला। इस अवधि के दौरान एसएसडीओ ने घरेलू हिंसा के मामलों में वृद्धि दर्ज की। रिपोर्ट के मुताबिक 2020 के अंतिम छह माह के दौरान घरेलू हिंसा के 1,422 मामले और महिलाओं के खिलाफ हिंसा के 9,401 मामले दर्ज किए गए। ये आंकड़े मीडिया रिपोर्ट और सरकारी रिकॉर्ड से एकत्रित डाटा के आधार पर हैं। एसएसडीओ के कार्यकारी निदेशक सैय्यद कौसर अब्बास ने कहा, देश में महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा से संबंधित कानूनों के क्रियान्वयन को लेकर गंभीर प्रयासों की जरूरत है।

देश में महिलाओं की पीड़ा को लेकर लिखने वाली पत्रकार सानिया आरिफ ने द नेशन में लिखा है कि जो महिलाएं अपने घरों के भीतर सीमित हैं उनका लॉकडाउन के दौरान सबसे ज्यादा शारीरिक शोषण हुआ है। उन्होंने लिखा, महिलाओं के खिलाफ हिंसा एक गंभीर मुद्दा रहा है लेकिन हमारे समाज में सम्मान और संस्कृति की खातिर इसकी चर्चा बहुत कम होती है। इसका खामियाजा महिलाओं को उठाना पड़ रहा है।