बंगाल : डॉक्टरों ने ठुकराया ममता बनर्जी का दूसरा ऑफर, बातचीत के लिए रखी 6 शर्त, कल से ओपीडी और रुटीन सर्जरी भी बंद

पश्चिम बंगाल में दो जूनियर डॉक्टरों पर हुए हिंसक हमले के बाद से छिड़ा आंदोलन लगातार तेज हो रहा है। आंदोलन का असर देशभर में दिखाई दे रहा है। सिर्फ पश्चिम बंगाल ही नहीं दिल्ली के एम्स समेत 18 बड़े अस्पतालों के डॉक्टर भी हड़ताल पर हैं। वही इसी बीच एक बार फिर हड़ताल कर रहे जूनियर डॉक्टरों ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) का ऑफर ठुकरा दिया है। जूनियर डॉक्टरों ने बैठक का ऑफर ठुकराते हुए कहा है कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) को पहले माफी मांगनी होगी। बंगाल में लगातार पांचवें दिन भी डॉक्टरों की हड़ताल जारी है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने डॉक्टरों को चिट्ठी लिखकर हड़ताल खत्म करने की अपील की तो जवाब में डॉक्टरों ने अपनी मांगों की नई लिस्ट जारी की है। वहीं बंगाल के डॉक्टरों के समर्थन में दिल्ली के डॉक्टरों की हड़ताल से मरीज बेहाल हैं, हड़ताली डॉक्टरों ने 48 घंटे का अल्टीमेटम देते हुए कहा कि अगर उनकी मागों को नहीं माना गया तो कल यानी रविवार को 14 अस्पतालों में ओपीडी और रुटीन सर्जरी भी बंद होगी।

दरहसल, शनिवार को ममता बनर्जी ने राज्य सचिवालय में जूनियर डॉक्टरों को बैठक का ऑफर दिया था। ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) ने गतिरोध का समाधान निकालने के लिए राज्य सचिवालय में डॉक्टरों को बैठक में आमंत्रित किया था। एनआरएस मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में अपने दो सहकर्मियों पर हमले के विरोध में हड़ताल पर गए डॉक्टरों ने शुक्रवार को कहा कि ममता बनर्जी को बिना शर्त माफी मांगनी होगी। इसके साथ ही उन्होंने अपनी हड़ताल वापस लेने के लिए राज्य सरकार के समक्ष 6 शर्तें रखी हैं।

जूनियर डॉक्टरों के संयुक्त फोरम के प्रवक्ता अरिन्दम दत्ता ने कहा, हम बैठक के लिए मुख्यमंत्री (Mamata Banerjee) के आमंत्रण पर राज्य सचिवालय नहीं जाएंगे। उन्हें (मुख्यमंत्री) नील रत्न सरकार (एनआरएस) मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल आना होगा और एसएसकेएम अस्पताल में बृहस्पतिवार को अपने दौरे के दौरान की गई टिप्पणियों के लिए बिना शर्त माफी मांगनी होगी। दत्ता ने कहा, यदि वह एसएसकेएम जा सकती हैं तो वह एनआरएस भी आ सकती हैं।।।अन्यथा आंदोलन जारी रहेगा। डाक्टरों के 'हमें न्याय चाहिए' के नारों के बीच सरकार संचालित अस्पताल एसएसकेएम के दौरे के दौरान बनर्जी ने कहा था कि मेडिकल कॉलेजों में बाहरी लोग व्यवधान पैदा कर रहे हैं और वर्तमान आंदोलन माकपा तथा भाजपा का षड्यंत्र है।

वही दिल्ली एम्स के रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन ने पश्चिम बंगाल सरकार को हड़ताली डॉक्टरों की मांगें पूरी करने के लिए 48 घंटों का अल्टीमेटम दिया है। उन्होंने कहा कि अगर सरकार ने मांगें पूरी नहीं कीं तो एम्स में अनिश्चितकालीन हड़ताल करने पर मजबूर होंगे।डॉक्टरों ने कहा, अगर मांगें नहीं मानी गईं तो रविवार को दिल्ली के 14 अस्पतालों में ओपीडी और रुटीन सर्जरी भी बंद होगी।

दिल्ली के इन अस्पतालों में हड़ताल

शनिवार को दिल्ली के जिन अस्पतालों के डॉक्टर हड़ताल पर शामिल रहेंगे, उनमें एम्स, सफदरजंग हॉस्पिटल, बाबा साहब अंबेडकर मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल, हिंदूराव हॉस्पिटल, बीएमएच दिल्ली, दीनदयाल उपाध्याय हॉस्पिटल, संजय गांधी मेमोरियल हॉस्पिटल, लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज एंड एसोसिएटेड हॉस्पिटल्स, इंस्टीट्यूट ऑफ ह्यूमन बिहेवियर एंड अलाइड साइंसेज (इहबास), श्री दादा देव मातृ एवं शिशु चिकित्सालय, नॉर्दन रेलवे सेंट्रल हॉस्पिटल, ईएसआईसी हॉस्पिटल, चाचा नेहरू बाल चिकित्सालय, गुरु तेग बहादुर हॉस्पिटल और गुरु गोविंद सिंह हॉस्पिटल समेत अन्य हॉस्पिटल शामिल हैं।

हर्षवर्धन ने डॉक्टरों से की हड़ताल खत्म करने की अपील

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने शुक्रवार को डॉक्टरों से हड़ताल खत्म करने की अपील की। हर्षवर्धन ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से उनके प्रदेश में डॉक्टरों के खिलाफ अल्टीमेटम वापस लेने का आग्रह किया। उनका कहना है कि ममता के अल्टीमेटम के कारण देशभर में डॉक्टर हड़ताल पर चले गए। डॉक्टरों से समाज के हित में हड़ताल खत्म करने के की अपील करते हुए हर्षवर्धन ने कहा कि वह पूरे देश के अस्पतालों में उनके लिए सुरक्षित माहौल सुनिश्चित करने के लिए संभव कदम उठाएंगे।

बता दे, पश्चिम बंगाल में अपने सहयोगियों पर हमले के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे डॉक्टरों के साथ एकजुटता व्यक्त करते हुए इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) ने 17 जून को हड़ताल का आह्वान किया है।