DMK घोषणा पत्र: बंद होगा NEET, कम होगी राज्यपाल की ताकत, राष्ट्रीय राजमार्गों से हटाए जाएंगे टोल बूथ

चेन्नई। तमिलनाडु के सत्तारूढ़ द्रमुक, जो कि विपक्षी दल इंडिया ब्लॉक का एक प्रमुख घटक है, ने शुक्रवार को लोकसभा चुनाव के लिए अपना घोषणापत्र जारी किया, जिसमें उसने नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) को खत्म करने और नीति आयोग को भंग करने जैसे कई वादे किए। मुख्यमंत्री एमके स्टालिन की पार्टी ने NEET Exam पर बैन लगाने तक का वादा कर दिया है और राष्ट्रीय राजमार्गों पर टोल बूथों को पूरी तरह से हटाने की कसम खाई। साथ ही पुडुचेरी को राज्य का दर्जा दिलाने की बात भी कही है। इस दौरान पार्टी ने कुछ उम्मीदवारों की सूची भी जारी की, जिसमें 50 से ज्यादा नए चेहरों को शामिल किया गया है।

राज्यपालों की नियुक्ति पर राज्यों से परामर्श लेने के लिए कदम उठाना, अनुच्छेद 356 को समाप्त करना, जो केंद्र को राज्य सरकार को बर्खास्त करने की अनुमति देता था और पुडुचेरी को राज्य का दर्जा देना भी DMK के चुनावी वादों का हिस्सा है।

पार्टी ने 19 अप्रैल के लोकसभा चुनाव के लिए 21 सीटों के लिए उम्मीदवारों की सूची भी जारी की, जिसमें स्टालिन की बहन कनिमोझी, टीआर बालू और ए राजा जैसे मौजूदा सांसदों को बरकरार रखा गया। पूर्व केंद्रीय मंत्री दयानिधि मारन, एस जगतरक्षकन, कलानिधि वीरासामी, कथिर आनंद और सीएन अन्नादुराई को भी बरकरार रखा गया है।

राज्यपाल की ताकत घटेगी

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, स्टालिन का कहना है कि केंद्र में विपक्षी गठबंधन INDIA की सरकार आने पर राज्यपाल की शक्तियों को कम किया जाएगा। घोषणापत्र के मुताबिक, 'राज्यपाल को राज्य सरकार की सिफारिश के आधार पर नियुक्त किया जाएगा। राज्यपाल को अतिरिक्त शक्तियां देने वाले अनुच्छेद 361 को भी हटा दिया जाएगा।'

NEET बैन

उन्होंने कहा कि NEET को हटा दिया जाएगा। साथ ही कहा कि समान नागरिक संहिता यानी UCC और नागरिकता संशोधन कानून (CAA) को लागू नहीं किया जाएगा। स्टालिन ने पेट्रोल-डीजल की कीमतों में कमी लाने की भी बात कही है। साथ ही कहा है कि रेलवे के लिए अलग से बजट लाया जाएगा, चेन्नई में सुप्रीम कोर्ट की बेंच, पुडुचेरी को राज्य का दर्जा दिया जाएगा।

स्टालिन का कहना है कि नई शिक्षा नीति को भी खत्म कर दिया जाएगा। उन्होंने गृहिणियों को 1 हजार रुपये प्रतिमाह देने का वादा किया है। उन्होंने कहा कि पूरे देश में एजुकेशन लोन माफ कर दिया जाएगा। साथ ही IIT और IIS जैसे केंद्रीय संस्थानों को तमिलनाडु में स्थापित किया जाएगा। डीएमके ने वादा किया है कि सच्चर कमेटी की सिफारिशों को लागू किया जाएगा और पूरे देश में जातिगत जनगणना होगी।