समाजवादी पार्टी के नेता आजम खान ने शुक्रवार को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पर निशाना साधा। उन्होंने इशारों- इशारों में योगी आदित्यनाथ को शैतान बताया है। उन्होंने योगी के खुद के हिंदू बताने और ईद नहीं मनाने वाले बयान पर कहा कि उनके यहां केवल शैतान ही ईद नहीं मनाते हैं। आजम खान बीएसपी के वरिष्ठ नेता लालजी वर्मा के बेटे विकास वर्मा के दाह संस्कार में यूपी के आंबेडकरनगर पहुंचे थे। उन्होंने विकास को श्रद्धांजलि देने के बाद पत्रकारों से बात करते हुए सीएम योगी पर जमकर निशाना साधा।
उन्होंने कहा कि नफरत के आधार पर सरकार बनाई तो जा सकती है लेकिन चलाई नहीं जा सकती। उन्होंने कहा कि 'मैं मुसलमान हूं, लेकिन मैं इंसान हूं और मुझे इस पर गर्व है। योगी ने कहा कि मुझे गर्व है कि मैं हिंदू हूं और मैं ईद नहीं मनाता, तो मैं उनसे कहना चाहता हूं कि अगर आप ईद नहीं मनाओगे तो हमारी सेवईं कौन खाएगा? और अगर ईद नहीं मनाएंगे तो गुझिया कौन खाएगा? हमें गुझिया नहीं खिलाएंगे आप। हमारी सेवईं नहीं खाएंगे आप तो ये कैसा हिंदुस्तान होगा?'
आजम खान ने इसी बात को आगे बढ़ाते हुए कहा, 'यह हो ही नहीं सकता और इसीलिए हमने यह कहा कि आप ईद इसलिए नहीं मनाते हैं क्योंकि हमारे यहां शैतान ईद नहीं मनाता। जिस दिन शैतान ईद मना लेगा उस दिन तो इस्लाम की बल्ले-बल्ले है। हमें उनका कुछ बुरा नहीं लगा। '
गौरतलब है कि रंगों का त्योहार होली मनाने योगी आदित्यनाथ मथुरा के बरसाना पहुंच गए थे। यहां उन्होंने कहा था कि हर व्यक्ति को अपनी आस्था प्रकट करने का अधिकार है और इसमें किसी को कोई आपत्ति नहीं होनी चाहिए। इससे पहले दीपावली मनाने के लिए योगी अयोध्या गए थे। श्रीकृष्ण जन्मभूमि मंदिर के गर्भगृह के दर्शन के बाद उन्होंने वहां की सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लिया था।
यहां एक सवाल के जवाब में योगी ने कहा था, “मैं हिंदू हूं और मैं ईद नहीं मनाता। हर एक को अपनी आस्था प्रकट करने और धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार है। वह अधिकार मुझे भी है।” योगी ने कहा कि पिछले 11 महीने में न किसी को ईद मनाने से रोका गया और न ही क्रिसमस मनाने से। सभी अपने तरीके से अपनी आस्था व्यक्त करते हैं। धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार सभी को है। योगी ने कहा था, दीपोत्सव अयोध्या में, होली बरसाना में, देव दीपावली काशी में, रामायण मेला चित्रकूट में और कुंभ प्रयागराज में ही होगा। हमें अपनी परंपरा और अपनी विरासत पर गौरव की अनुभूति है। इसके संरक्षण और संवर्धन का दायित्व हम सभी के ऊपर है।