आज से तीन साल पहले यानी 2016 में 8 नवंबर को देश की मोदी सरकार ने नोटबंदी का ऐलान किया था। इस ऐलान के बाद देश में 500 और 1000 के नोट का चलन बंद हो गया था। जिसके बाद 500 के नए नोट और 2000 रुपये के नोट जारी किए गए। हालाकि, सरकार के इस फैसले के बाद से विपक्ष हमेशा मोदी सरकार पर हमलावर रहा है। वही अब नोटबंदी के तीन साल पूरा होने पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए इसे आतंकी हमले की तरह बताया है। राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा कि नोटबंदी के आतंकी हमले ने देश की अर्थव्यवस्था को बर्बाद किया। नोटबंदी से लाखों छोटे कारोबार तबाह हुए और बेरोजगारी बढ़ी है। नोटबंदी ने कई लोगों की जान भी गई। राहुल गांधी ने कहा कि नोटबंदी हमले के जिम्मेदार लोगों को सजा मिलनी चाहिए।
नोटबंदी सारी बीमारियों का शर्तिया इलाज, सारे दावे एक-एक करके धराशायी हुए : प्रियंका गांधीप्रियंका ने अपने ट्विट में लिखा कि नोटबंदी को तीन साल हो गए। सरकार और इसके नीमहकीमों द्वारा किए गए ‘नोटबंदी सारी बीमारियों का शर्तिया इलाज’ के सारे दावे एक-एक करके धराशायी हो गए। नोटबंदी एक आपदा थी जिसने हमारी अर्थव्यवस्था नष्ट कर दी। इस ‘तुग़लकी’ कदम की जिम्मेदारी अब कौन लेगा? प्रियंका ने अर्थव्यवस्था को लेकर गुरुवार को ट्वीट किया था जिसमें उन्होंने लिखा था कि देश में अर्थव्यवस्था की हालत एकदम पतली है। सेवा क्षेत्र औंधे मुंह गिर चुका है। रोजगार घट रहे हैं। शासन करने वाला अपने में ही मस्त है, जनता हर मोर्चे पर त्रस्त है।
ममता बनर्जी ने निशाना साधते हुए कही यह बातपश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी नोटबंदी पर ट्वीट करते हुए कहा कि मैंने नोटबंदी की घोषणा के तुरंत बात ही कह दिया था कि यह अर्थव्यवस्था और लाखों लोगों के लिए विनाशकारी होगी। नामी अर्थशास्त्रियों, आम लोग और सभी विशेषज्ञ भी अब इस बात से सहमत हैं। आरबीआई के आंकड़ों ने भी यही बताया। नोटबंदी के बाद से आर्थिक आपदा शुरू हो गई थी। किसान, युवा, कर्मचारी और व्यापारी सभी इससे प्रभावित हुए।
मायावती ने भी कही यह बातबहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती ने कहा कि बीजेपी की केंद्र सरकार द्वारा बिना पूरी तैयारी के जल्दबाजी में किए गए नोटबंदी के दुष्परिणाम पिछले 3 वर्षों से सामने आ रहे हैं। देश में बढ़ती बेरोजगारी और बिगडत़ी आर्थिक स्थिति इसी का मुख्य कारण है, जिसपर जनता की पैनी नजर है।
नोटबंदी को विपक्ष ने बताया था इमरजेंसीबता दें कि पीएम मोदी के नोटबंदी के ऐलान के बाद देश में अफरातफरी जैसा माहौल था, बैंकों के बाहर लंबी कतारें लगी थीं। विपक्ष ने इसे इमरजेंसी करार दिया था। सरकार ने ऐलान करते हुए कहा था कि देश में मौजूद काले धन और नकली मुद्रा की समस्या को खत्म करने के लिए यह कदम उठाया गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जब नोटबंदी का ऐलान किया था तो 500 और 1000 रुपये के नोट बंद कर दिए गए थे।
आपको बता दें कि पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह, पूर्व वित्त मंत्री पी।चिदंबरम और राहुल गांधी सहित कांग्रेस के सभी नेता अर्थव्यवस्था में आई मंदी को नोटबंदी का फैसला वजह बताते रहे हैं। गुजरात विधानसभा चुनाव के समय भी राहुल गांधी ने नोटबंदी को ही मुद्दा बनाया था। कुछ दिन पहले डॉ मनमोहन सिंह ने कहा था कि यह परेशान करने वाला है कि मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में ग्रोथ रेट 0.6 फीसदी पर लड़खड़ा रही है। इससे साफ जाहिर होता है कि हमारी अर्थव्यवस्था अभी तक नोटबंदी और हड़बड़ी में लागू किए गए जीएसटी से उबर नहीं पाई है।