अमेरिका में कोरोना के खिलाफ लड़ाई में डेल्टा वैरिएंट सबसे बड़ा खतरा; भारत में ला सकता है तीसरी लहर

कोरोना के कम होते मामलों के बीच डेल्‍टा प्‍लस वैरिएंट (Delta+ variant) को लेकर दुनियाभर में चिंता बढ़ रही है। विशेषज्ञों का मानना है कि डेल्‍टा प्‍लस वैरिएंट भारत में कोरोना की तीसरी लहर का कारण बन सकता है। वहीं अमेरिका के सबसे बड़े महामारी एक्सपर्ट एंथनी फौची ने भी चेतावनी देते हुए कहा कि अमेरिका में कोरोना संक्रमण खत्म करने की कोशिशों पर डेल्टा वैरिएंट सबसे बड़ा खतरा है। उनका कहना है कि कोरोना के ओरिजिनल वैरिएंट के मुकाबले डेल्टा वैरिएंट काफी तेजी से फैलता है। इससे बीमारी की गंभीरता भी बढ़ जाती है।

हालाकि, फौची का ये भी मानना है कि फाइजर समेत जिन कंपनियों की वैक्सीन अमेरिका में लगाई जा रही हैं, वे कोरोना के नए डेल्‍टा प्‍लस वैरिएंट पर भी असरदार हैं। फौची का कहना है कि हमें जल्द से जल्द वैक्सीनेशन का टार्गेट पूरा करना चाहिए।

लेकिन कोरोना को लेकर अमेरिकी सरकार के सीनियर एडवाइजर जेफरे जेंट्स का कहना है कि 4 जुलाई तक 70% युवा आबादी को वैक्सीन लगाने के लक्ष्य में पिछड़ रहे हैं। इसमें कुछ और हफ्ते लग सकते हैं। साथ ही कहा कि 27 साल तक के 70% युवाओं को 4 जुलाई तक वैक्सीन की एक डोज लग जाने की उम्मीद है।

भारत में डेल्टा प्लस वैरिएंट को लेकर 3 राज्यों में चेतावनी

बता दें भारत में कोरोना की दूसरी लहर डेल्टा वैरिएंट की वजह से ही खतरनाक हुई थी और एक और नए वैरिएंट डेल्टा प्लस को लेकर चिंता शुरू हो गई है। एक्सपर्ट्स का मानना है कि डेल्‍टा प्‍लस वैरिएंट भारत में कोरोना की तीसरी लहर का कारण बन सकता है। हेल्थ सेक्रेटरी राजेश भूषण ने बुधवार को कहा कि यह वैरिएंट दुनिया के 9 देशों में है। भारत में अब तक डेल्टा प्लस वैरिएंट के 22 मामले सामने आए हैं। इनमें सबसे ज्यादा 16 महाराष्ट्र के रत्नागिरी और जलगांव से हैं। बाकी के केस मध्य प्रदेश और केरल से हैं। हेल्थ मिनिस्ट्री के मुताबिक भारतीय SARS-CoV-2 जीनोमिक कंसोर्टिया के हालिया निष्कर्षों के आधार पर महाराष्ट्र, केरल और मध्य प्रदेश को इस वैरिएंट से सतर्क रहने की सलाह दी गई है। हालांकि स्वास्थ्य मंत्रालय ने यह भी कहा है कि इससे बहुत ज्यादा चिंतित होने की जरूरत नहीं है।

88.09 लाख कोरोना वायरस टीके लगाए


भारत में 21 जून को एक दिन में 88.09 लाख कोरोना वायरस टीके लगाने की ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की। सबसे बड़ी बात ये रही कि इसमें करीब 64% वैक्सीनेशन ग्रामीण इलाकों में हुए। मध्य प्रदेश ने मंगलवार को सबसे अधिक खुराक दी। उसके बाद कर्नाटक, उत्तर प्रदेश, बिहार, हरियाणा, गुजरात, राजस्थान, तमिलनाडु, महाराष्ट्र और असम का स्थान रहा।