नई दिल्ली। दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने राष्ट्रीय राजधानी में तीन नए आपराधिक कानूनों के क्रियान्वयन पर समीक्षा बैठक की, जिसमें सभी विभागों में न्याय और पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए सहयोगात्मक और सुव्यवस्थित दृष्टिकोण पर जोर दिया गया।
दिल्ली के गृह मंत्री कैलाश गहलोत बैठक में शामिल हुए, जबकि कानून मंत्री आतिशी पारिवारिक चिकित्सा आपातकाल के कारण अनुपस्थित रहीं। एलजी सक्सेना ने अधिकारियों को नए कानूनों से संबंधित चल रही परियोजनाओं के लिए विशिष्ट समयसीमा निर्धारित करने का निर्देश दिया।
बैठक में स्वास्थ्य विभाग के नोडल अधिकारियों को मेडलिएपीआर पोर्टल के लिए प्रशिक्षित करने पर चर्चा की गई, जिसके तहत दिल्ली के सभी केंद्रीय सरकारी अस्पताल अब इस पोर्टल पर आ गए हैं। मेडलिएपीआर एक वेब-आधारित रिपोर्टिंग प्रणाली है जो दिल्ली में स्वास्थ्य सेवा निदेशालय के लिए मेडिको-लीगल रिपोर्ट (एमएलआर) और पोस्टमार्टम रिपोर्ट (पीएमआर) को कैप्चर करती है। कुल 186 दिल्ली सरकार और 32 केंद्र सरकार के डॉक्टर पंजीकृत हैं, जो पोर्टल पर 81 रिपोर्ट तैयार करते हैं।
बैठक में मोबाइल फोरेंसिक वैन की खरीद, दिल्ली की सभी 691 अदालतों में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के लिए बुनियादी ढांचे और अपराध स्थलों पर 165 जूनियर वैज्ञानिक सहायक के रिक्त पदों को भरने पर भी चर्चा की गई, जिसका लक्ष्य 21 सितंबर तक पूरा करना है।
इसके अलावा फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला (एफएसएल) और अभियोजन निदेशालय में रिक्त पदों के लिए भर्ती नियमों पर चर्चा की गई, साथ ही निदेशालय के लिए एक नए भवन की योजना पर भी चर्चा की गई।
तीन कानून - भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस), भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) और भारतीय साक्ष्य अधिनियम (बीएसए) - जिन्होंने औपनिवेशिक युग के भारतीय दंड संहिता (आईपीसी), दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) और भारतीय साक्ष्य अधिनियम की जगह ली है, 1 जुलाई से प्रभावी हो गए हैं।