दिल्ली / कोरोना से निपटने में ये दवाइयां कारगर!, वायरल पर्चे का सच आया सामने

कोरोना वायरस के संकटकाल में दिल्ली जैसे बड़े शहर में अस्पताल और टेस्टिंग के लिए लोगों को जूझना पड़ रहा है। कोरोना का ग्राफ जैसे-जैसे बढ़ रहा है उसी के साथ धोखाधड़ी का खतरा भी बढ़ रहा है। दिल्ली के मशहूर सर गंगाराम अस्पताल के नाम से एक फर्ज़ी पर्चा इन दिनों सोशल मीडिया और आम जगहों पर वायरल है, जिसमें कोरोना वायरस को लेकर कई तरह के दावे किए गए हैं। अब अस्पताल की ओर से आधिकारिक रूप से बयान आया है और इसे पूरी तरह से गलत बताया गया है।

दरअसल, सर गंगाराम अस्पताल के लेटरहेड से एक पर्चा वायरल हो रहा है, जिसमें कोरोना वायरस के इलाज को लेकर जानकारी दी गई है। इस पर्चे में लिखा गया है कि ICMR की गाइडलाइन्स के मुताबिक, कोरोना पॉजिटिव वाले व्यक्ति को होम आइसोलेशन में रहना चाहिए। इसके अलावा लोग इन दवाइयों का इस्तेमाल करें।

इस वायरल पर्चे में हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन समेत कुछ अन्य दवाईयों के नाम लिखे गए है और यह दावा भी किया जा रहा है कि कोरोना संक्रमित होने के बाद आप इन दवाओं का इस्तेमाल कर सकते है। वहीं, सर गंगाराम अस्पताल का कहना है कि उन्होंने इस तरह का कोई भी पर्चा जारी नहीं किया है, ये पूरी तरह से गलत और फर्जी है।

आपको बता दें कि कोरोना वायरस जैसी महामारी के लिए अभी तक कोई दवाई ही नहीं बनी है, ऐसे में किसी भी तरह से ये दावा सही नहीं बैठता है। फ़िलहाल अस्पतालों के द्वारा अलग-अलग स्तर पर मरीजों को इलाज देकर उनके इम्यून सिस्टम को मजबूत किया जा रहा है।

गौरतलब है कि हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन का इस्तेमाल कोरोना वायरस महामारी से निपटने में किया जा रहा है, लेकिन ये एक्सपर्ट की सलाह और डॉक्टरों की निगरानी में ही ली जा सकती है। ऐसे में किसी भी आम व्यक्ति को इनका इस्तेमाल खुद नहीं करने की सलाह दी गई है। इससे पहले भी सर गंगाराम अस्पताल विवादों में आ चुका है, हाल ही में दिल्ली सरकार ने अस्पताल के खिलाफ एक एफआईआर दर्ज करवाई थी। जिसमें आरोप लगा था कि अस्पताल कोरोना टेस्टिंग के मामलों में नियमों का उल्लंघन कर रहा है।

बता दें कि पिछले एक हफ्ते से दिल्ली में रोज एक हजार से अधिक मामले सामने आ रहे हैं, गुरुवार को तो 1 हजार 800 से ज्यादा रिकॉर्ड केस आए। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय शुक्रवार सुबह जारी किए गए ताजा आंकड़ों के मुताबिक, कुल मामलों की संख्या 34 हजार से अधिक है। अबतक 1 हजार 85 लोगों की मौत हो चुकी है, पिछले दिन ही 1 हजार 877 नए मामले सामने आए थे। दिल्ली सरकार के अनुमान के मुताबिक, इसी रफ्तार से राजधानी में जुलाई तक पांच लाख केस होंगे।