अगर आप भी जहरीली हवा से बचने के लिए खरीद रहे हैं मास्क तो इन बातों का रखें विशेष ध्यान

दिल्ली-एनसीआर में सोमवार को भी हवा की गुणवत्ता में कोई सुधार नजर नहीं आया। दिल्ली का एयर क्वालिटी इंडेक्स सुबह 7 बजे 708 रिकॉर्ड किया गया है। बता दें कि एयर क्वालिटी इंडेक्स में 50 तक का आंकड़ा ही सांस लेने के लिए शुद्ध हवा मानी जाती है। वही रविवार को दिल्ली में प्रदूषण का स्तर तीन साल में सबसे खराब स्तर पर पहुंच गया और इसके कारण परेशानी झेल रहे सैकड़ों लोगों ने सोशल मीडिया के माध्यम से इच्छा व्यक्त की कि वे खराब वायु गुणवत्ता के कारण शहर छोड़कर जाना चाहते हैं। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के अनुसार राष्ट्रीय राजधानी में रविवार को शाम चार बजे 24 घंटे का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 494 दर्ज किया गया जो छह नवंबर 2016 के बाद से सर्वाधिक है। उस दिन एक्यूआई 497 था। दिल्ली के 37 वायु गुणवत्ता निगरानी केंद्रों में से 21 में एक्यूआई 490 से 500 के बीच दर्ज किया गया। आया नगर, अशोक विहार, आनंद विहार और अरविंदो मार्ग में शाम सात बजे वायु गुणवत्ता सर्वाधिक खराब दर्ज की गई। रविवार को जारी एक सर्वेक्षण के अनुसार वायु प्रदूषण के कारण दिल्ली और एनसीआर के 40 प्रतिशत से अधिक निवासी शहर छोड़ कर कहीं और बसना चाहते हैं जबकि 16 प्रतिशत निवासियों ने इस दौरान शहर से बाहर जाने की इच्छा प्रकट की। दिल्ली और एनसीआर के 17,000 निवासियों ने इस सर्वेक्षण में हिस्सा लिया। पर्यावरणविदों के एक समूह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर अनुरोध किया कि वे 'बच्चों, बुजुर्गों समेत प्रदूषण से सर्वाधिक प्रभावित लोगों को' बचाएं। ऐसा नहीं है कि ये इसी साल हुआ है, पिछले कई सालों से इसे लेकर चेतावनी दी जाती रही है। लगातार खराब हो रही एयर क्वालिटी से लोगों को सांस संबंधी दिक्कतें, आंखों में जलन और त्‍वचा में एलर्जी हो रही है।

इसका सबसे ज्यादा असर बच्‍चों और बुजुर्गों पर पड़ रहा है। ऐसे में आपको अपने और परिवार के लिए सभी तरह के सुरक्षा इंतजाम आपको करने चाहिए। इन्‍हीं में से एक है मास्‍क खरीदना और पहनना।

मास्‍क खरीदते समय रखें इन बातों का ध्यान

विशेषज्ञ कहते हैं कि आपको ऐसा मास्‍क लेना चाहिए जो पीएम 2.5, सल्‍फर डाईऑक्‍साइड और नाइट्रोजन डाईऑक्‍साइड को छानने की क्षमता रखता हो। ये मास्‍क N99, N95 या P100 की रेटिंग के होने चाहिए। साथ ही इन्‍हें यूएस नेशनल इंस्‍टीट्यूट ऑफ ऑक्युपेशनल सेफ्टी एंड हेल्‍थ यानी NIOSH से सर्टिफिकेशन मिला हो। NIOSH N95 सर्टिफिकेशन का मतलब है कि मास्क 0.3 माइक्रोंस से बड़े हर पार्टिकल को छान देगा। यानी पीएम 2.5 से छोटे पार्टिकल छानने में समर्थ होगा। इसी तरह N99 मास्‍क भी इन पार्टिकल्‍स को छान सकता है। ऑनलाइन शॉपिंग वेबसाइट्स पर उपलब्‍ध ये मोस्‍ट स्‍टाइलिश फेस मास्‍क सुरक्षित हैं। इनमें से ज्‍यादातर N99 मास्‍क हैं, जिसका मतलब है कि ये जहरीली हवा से 99 प्रतिशत एयरबोन पार्टिकल्‍स को फिल्‍टर कर देते हैं।

बाजार में भी कई तरह के शेप और साइज के मास्क उपलब्‍ध हैं। रेस्‍पो एयर मास्‍क भी बाजार में उपलब्ध हैं। इनमें FFP-3 श्रेणी के मास्‍क हैं, जो पीएम 2.5 को 99 फीसदी तक फिल्‍टर कर देते हैं। कई मास्‍क ऐसे हैं जो धूल-मिट्टी रोकने का काम करते हैं। ये मास्‍क ब्रोनकाइटस के मरीजों के लिए लाभदायी हैं। ये मुख्‍य तौर पर तीन स्‍तर पर हवा को छानते हैं। इन्‍हें ऑनलाइन खरीदा जा सकता है।

वही सीएम केजरीवाल का कहना है कि मैं दिल्ली के दो करोड़ लोगों की सेहत को लेकर बहुत चिंतित हूं और भगवान से प्रार्थना करता हूं कि आप सब की सेहत अच्छी रहे। हम सबको साथ मिलकर प्रदूषण से लड़ना चाहिए। उन्होंने दावा किया कि कुछ वर्षों पहले तक, दिल्ली में सालभर प्रदूषण रहता था। सीएम केजरीवाल ने कहा कि उनकी सरकार आरोप-प्रत्यारोप में नहीं पड़ी है, बल्कि पराली जलाने से हो रहे प्रदूषण के समाधान को तलाश रही है। उन्होंने कहा, ‘मीडिया हमसे कह रहा है कि आरोप प्रत्यारोप में नहीं पड़ें। मैं उनसे कहना चाहता हूं कि हम यह नहीं करना चाहते। हम किसी को दोष नहीं दे रहे हैं। हम कह रहे हैं कि सभी लोगों को मिल कर समाधान तलाशना चाहिए। केजरीवाल ने पराली जलाने से होने वाले प्रदूषण के समाधान पर सभी पड़ोसी राज्यों और केंद्र से साथ बैठ कर दिल्ली में चर्चा करने की अपील की।

वही आज से दिल्ली में ऑड-इवन योजना (Odd-Even Scheme) शुरू हो गई है। यह योजना 4 से 15 नवंबर तक के लिए लागू की गई है। इसके तहत अगर आपी गाड़ी की नंबर प्लेट का आखिरी नंबर इवन यानी सम संख्या है जैसे कि 2,4,6,8 और 0 है तो आप अपने निजी वाहन 4, 6, 8, 10, 12 और 14 तारीख को सड़क पर चला सकेंगे। वहीं इसी तरह अगर आपकी गाड़ी का आखिरी नंबर ऑड यानी विषम संख्या है तो आप 5, 7, 9, 11, 13 और 15 नवंबर को गाड़ी निकाल सकेंगे।