दिल्ली / NIA के कंट्रोल रूम पहुंचा कोरोना, एक व्यक्ति निकला संक्रमित

देश भर का कोरोना मरीजों का आंकड़ा बेहिसाब तेजी से भाग रहा है। इसमें दिल्ली के ग्राफ का बड़ा हिस्सा है। राजधानी में भी इस वायरस की वजह से अब संकट गहरा गया है। अब शायद ही कोई विभाग हो, जो इससे अछूता हो। इसी क्रम में शनिवार को नेशनल इनवेस्टिगेशन एजेंसी (NIA) के कंट्रोल रूम तक कोरोना वायरस पहुंच गया है। रिपोर्ट के मुताबिक, एनआईए कंट्रोल रूम में काम करने वाले एक व्यक्ति को कोरोना वायरस का संक्रमण हुआ है। संक्रमण का पता चलने के बाद पूरे दफ्तर को सैनिटाइज किया जा रहा है। इसी के साथ संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में 10 लोगों के आने की खबर है जिन्हें क्वारनटीन किया जा रहा है।

बता दें, दिल्ली का कोई ऐसा कोना नहीं जो कंटेनमेंट जोन में तब्दील न हुआ हो। हालात का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि यहां कंटेनमेंट जोन की संख्या 163 हो चुकी है। राजधानी में पिछले 24 घंटें में 1 हजार 359 नए मामले सामने आए और 22 लोगों की मौत हुई है। इसके साथ ही कोरोना के मरीजों की संख्या बढ़कर 26 हजार 334 हो गई है।

इस बीच, दिल्ली के अस्पतालों से लगातार कोरोना मरीजों की तरफ से शिकायतें आ रही हैं कि उनको बेड नहीं दिए जा रहे हैं। ऐसे में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आज प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कुछ प्राइवेट अस्पतालों पर बेड की कालाबाज़ारी करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि दिल्ली के कुछ निजी अस्पताल पहले जान-बूझकर लोगों से बेड भरने की बात कह रहे हैं और ज़्यादा गिड़गिड़ाने पर लाखों रुपये मांगते हैं। केजरीवाल ने कहा, 'ऐसी महामारी के दौर में ज्यादातर अस्पताल लोगों की सेवा कर रहे हैं लेकिन दो चार ऐसे अस्पताल भी है जो COVID19 मरीजों को एडमिट करने से इनकार कर रहे हैं। मैं उन लोगों को चेतावनी दे रहा हूं जो सोचते हैं कि वे अन्य पक्षों के अपने रक्षक के प्रभाव का उपयोग करके बिस्तरों की ब्लैक-मार्केटिंग करने में सफल होंगे। तो उन्हें बता दूं कि उन्हें बख्शा नहीं जाएगा।' उन्होंने कहा, 'दिल्ली के स्वास्थ्य तंत्र में निजी अस्पतालों ने बहुत योगदान किया है। मैं उन्हें सलाम करता हूं लेकिन बहुत से अस्पताल इस महामारी के वक़्त भी ग़लत हरकतें कर रहे हैं।'

केजरीवाल ने कहा, 'हमने बिस्तरों की कालाबाजारी रोकने के लिए डेल्ही कोरोना ऐप लॉन्च की है। हमने अस्पतालों में बेड और वेंटिलेटर की संख्या को पारदर्शी बनाने के बारे में सोचा। मंगलवार को एप लॉन्च होने के बाद दिल्ली में प्राइवेट अस्पताल चलाने वाले माफिया परेशान हो गए हैं। वे जान-बूझकर कोरोना मरीजों का इलाज करने से इनकार कर रहे हैं या उनसे ज्यादा पैसे ले रहे हैं। इस पर हंगामा हो गया जैसे कि हमने कोई अपराध किया हो। मैं आपको बता दूं कि अस्पताल ख़ुद अपने बेड और वेंटिलेटर की जानकारी ऐप पर अपडेट करते हैं। इसलिए अगर वो कहते हैं कि उनके पास ऐप नहीं है तो वो झूठ बोल रहे हैं।'

मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि कोरोना संदिग्ध मरीज के इलाज से भी अस्पताल इनकार नहीं कर सकते। उन्होंने कहा कि अगर कोई अस्पताल जांच के नाम पर मरीजों के इलाज से इनकार करता है। मरीजों को खुद ही टेस्ट कराने को कहता है, तो इस पर कार्रवाई होगी। अगर कोरोना का संदिग्ध मरीज प्राइवेट अस्पताल पहुंचता है, तो उसका टेस्ट कराने और इलाज करने की जिम्मेदारी भी अस्पताल की ही होगी। कोई भी निजी अस्पताल अपनी इस जिम्मेदारी से इनकार नहीं कर सकता।