दिल्ली / मरकज के 250 जमाती अब बचा रहे लोगों की जान, ठीक होकर डोनेट कर रहे प्लाज्मा

दिल्ली में जिन जमातियों पर कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलाने का इल्जाम लगाया जा रहा था आज वहीं ठीक होकर लोगों की मदद कर रहे है। ये लोग प्लाज्मा डोनेट कर रहे हैं। दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य विभाग के सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक दिल्ली में जमातियों से जुड़े 1000 से अधिक कोरोना वायरस पॉजिटिव केस मिले थे। इनमें से करीब 250 जमाती ठीक हो गये हैं। अब यह जमाती बड़ी संख्या में प्लाज्मा डोनेट कर रहे हैं। ठीक हुए इन मरीजों का दो बार कोरोना टेस्ट हो चुका है और इन दोनों ही टेस्ट में ये लोग नेगेटिव पाये गये हैं जिसके बाद ये सभी जमाती अब प्लाज्मा डोनेट कर रहे हैं। जमातियों के प्लाज्मा डोनेट करने को लेकर ट्विटर पर भी खूब चर्चा हो रही है। ट्विटर पर #TabligiHeroes और #तब्लीगी_जमात_पर_गर्व_है लगातार ट्रेंड कर रहा है। लोग जमातियों के प्लाज्मा डोनेट करने की खबरें शेयर कर रहे हैं और उन्हें हीरो बता रहे हैं।

इससे पहले रविवार को दिल्ली के ओखला से विधायक अमानतुल्लाह खान ने एक वीडियो ट्वीट किया था। इस वीडियो में क्वारनटीन सेंटर में मौजूद जमातियों के साथ एक डॉक्टर नजर आ रहे हैं जो जमातियों को समझा रहे हैं कि आपके प्लाज्मा से लोगों की जान बच जायेगी तो क्या आप इसके लिये तैयार हैं। तमाम जमाती डॉक्टर की इस अपील पर हां कह रहे हैं। वीडियो शेयर करते हुये अमानतुल्लाह खान ने लिखा है कि ये वो जमात के लोग हैं जिनको कोरोना पॉजिटिव था, अब कोरोना नेगेटिव हो गया है और दिल्ली के क्वारनटीन सेंटर में मौजूद हैं, दूसरे मरीजों के लिये खून दे रहे हैं। वीडियो में डॉक्टर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की अपील का भी जिक्र कर रहे हैं।

केजरीवाल ने प्लाज्मा डोनेट का महत्व बताया

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने रविवार को फिर एक बार प्लाज्मा डोनेट का महत्व बताया। इसके साथ ही उन्होंने आपसी सौहार्द बनाने की बात कहते हुये ये भी कहा कि हिंदू का प्लाज्मा मुस्लिम और मुस्लिम का प्लाज्मा हिंदू की जान बचा सकता है। केजरीवाल ने कहा, 'लोगों के मन में जज़्बा है कि कैसे दूसरे की जान बचा सकते हैं। हो सकता है कि मुसलमान का प्लाज्मा हिंदू के काम आए और हिंदू का प्लाज्मा मुसलमान के काम आ जाए। भगवान ने तो फर्क नहीं किया। हम लोगों ने आपस में दीवारें क्यों पैदा की हैं।'

कैसे होता है प्लाज्मा थेरेपी से इलाज

जब कोई शख्स कोरोना पॉजिटिव हो जाता है तो ठीक होने के बाद उसके ब्लड में प्रतिरोधक क्षमता यानी एंटीबॉडी आ जाती हैं। दरअसल संक्रमण से ठीक हुए व्यक्ति के शरीर में उस वायरस के खिलाफ प्रतिरोधक क्षमता बन जाती है और 3 हफ्ते बाद उसे प्लाज्मा के रूप में किसी संक्रमित व्यक्ति को दिया जा सकता है ताकि उसके शरीर में प्रतिरोधक क्षमता बढ़ने लगे। प्लाज्मा संक्रमण से ठीक हुए व्यक्ति के खून से अलग कर निकाला जाता है। एक बार में एक संक्रमण से ठीक हुए व्यक्ति के शरीर से 400ml प्लाज्मा निकाला जा सकता है। इस 400ml प्लाज्मा को दो संक्रमित मरीजों को दिया जा सकता है। दिल्ली में ये थेरेपी शुरू हो चुकी है, जिससे मरीजों को फायदा मिला है। जबकि बाकी राज्य भी ICMR की इजाजत के साथ ही इस थेरेपी का इस्तेमाल करने की योजना बना रहे हैं।