नई दिल्ली। दिल्ली हाईकोर्ट ने उमर अब्दुल्ला की उनकी पत्नी पायल अब्दुल्ला से तलाक देने से इंकार कर दिया है। उन्होंने कहा, आपने जो आरोप लगाकर अपनी पत्नी से तलाक मांगा था उसकी पर्याप्त वजहें मौजूद नहीं हैं इसलिए हम तलाक की मंजूरी नहीं दे सकते हैं। जस्टिस संजीव सचदेवा और जस्टिस विकास महाजन की बेंच ने फैमिली कोर्ट के आदेश को बरकरार रखा। इसमें अब्दुल्ला की याचिका खारिज कर दी गई थी।
दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा उमर अब्दुल्ला, पायल अब्दुल्ला द्वारा शारीरिक या मानसिक क्रूरता के किसी भी कृत्य को साबित करने में विफल रहे हैं। दिल्ली हाईकोर्ट ने पारिवारिक अदालत के निष्कर्ष से भी सहमति जताई है। हाईकोर्ट ने कहा कि उनको फैमिली कोर्ट के फैसले में कोई कमी नजर नहीं आती है। फैमिली कोर्ट ने उमर से अलग रह रहीं पत्नी पायल अब्दुल्ला से तलाक दिलाने से इनकार कर दिया था। किस आधार पर उमर अब्दुल्ला ने मांगा था तलाक?
उमर अब्दुल्ला ने अदालत से कहा था कि पायल अब्दुल्ला के साथ उनकी शादी पूरी तरह से टूट चुकी है। उन्होंने अपने साथ क्रूरता किये जाने के आधार पर उनसे तलाक मांगा था। लेकिन पारिवारिक अदालत ने यह कहकर तलाक देने से मना कर दिया था कि पायल अब्दुल्ला ने उनके साथ क्या क्रूरता की इसकी जिम्मेदारी देने से वह असफल रहे। इस आधार पर अदालत ने उनकी तलाक की अपील को खारिज कर दिया था। उसके बाद उमर ने अदालत का रुख किया था।
उमर अब्दुल्ला ने दावा किया कि उनकी शादी पूरी तरह से टूट गई है और उन्होंने वर्ष 2007 से वैवाहिक संबंध का पालन नहीं कर रहे हैं। सितंबर 2023 में सिंगल बेंच ने उमर अब्दुल्ला को पायल अब्दुल्ला को प्रति माह 1,50,000 रुपये का अंतरिम गुजारा भत्ता देने का निर्देश दिया था। इसके इतर अदालत ने उमर अब्दुल्ला को प्रति माह उनके बालिग बेटों को 60 हजार रुपये उनकी पढ़ाई लिखाई के लिए देने का आदेश दिया था।