नई दिल्ली। दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने बुधवार को दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल की न्यायिक हिरासत को अब खत्म हो चुकी दिल्ली शराब आबकारी नीति 2021-22 से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में 12 जुलाई तक बढ़ा दिया।
अदालत ने केजरीवाल द्वारा दायर आवेदन पर भी अपना आदेश सुरक्षित रख लिया, जिसमें उन्होंने 22 अप्रैल को अदालत के आदेश के तहत एम्स द्वारा गठित विशेष बोर्ड के साथ किए जा रहे चिकित्सा परामर्श के दौरान अपनी पत्नी की उपस्थिति की मांग की थी। अदालत 6 जुलाई को अपना आदेश सुनाएगी।
शनिवार को शहर की अदालत ने केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की याचिका पर केजरीवाल को 12 जुलाई तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया था। सीबीआई ने 26 जून को आम आदमी पार्टी (आप) के संयोजक को गिरफ्तार किया था। इससे पहले दिन में केजरीवाल ने सीबीआई द्वारा उनके खिलाफ दर्ज मामले के संबंध में दिल्ली उच्च न्यायालय का रुख किया था।
कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मनमोहन और न्यायमूर्ति तुषार राव गेडेला की पीठ के समक्ष केजरीवाल के वकील रजत भारद्वाज ने जमानत याचिका का उल्लेख किया। भारद्वाज ने अदालत से आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय संयोजक की याचिका को गुरुवार को सूचीबद्ध करने का आग्रह किया, जिसमें आरोप लगाया गया है कि सीएम को धारा 41 सीआरपीसी का पालन किए बिना अवैध हिरासत में लिया गया था।
उन्होंने कहा, जमानत याचिका दायर की है। आवेदक को धारा 41 का पालन किए बिना अवैध हिरासत में लिया गया। इस तर्क पर विचार करते हुए, अदालत ने मामले को शुक्रवार के लिए सूचीबद्ध करने पर सहमति व्यक्त की। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मनमोहन ने कहा, हम इसे अगले दिन सूचीबद्ध करेंगे।
आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय संयोजक को सीबीआई ने 26 जून को तिहाड़ जेल से गिरफ्तार किया था, जहां वह प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा दर्ज धन शोधन मामले में अभी भी न्यायिक हिरासत में बंद हैं। केजरीवाल, जिन्हें 21
मार्च को ईडी ने गिरफ्तार किया था, को धन शोधन मामले में 20 जून को निचली अदालत ने जमानत दे दी थी। हालांकि, उच्च न्यायालय ने निचली अदालत के आदेश पर रोक लगा दी थी।