बेहद खराब श्रेणी में पहुंचा दिल्ली-NCR का वायु प्रदूषण, नियंत्रित करने के लिए सरकार लाएगी नया कानून

दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण का स्तर खराब स्थिति में पहुंच गया है। केंद्र सरकार की सफ़र वेबसाइट की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार, पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में पराली जलाए जाने की वजह से दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण बढ़ा है। दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के मुताबिक, मंगलवार सुबह दिल्ली-एनसीआर में हालात खराब ही हैं। दिल्ली के रोहिणी में वायु गुणवत्ता स्तर 346, आरकेपुरम 329, आनंद विहार में 377 और मुंडका में 363 है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के अनुसार 31 अक्टूबर तक एक्यूआइ बेहद खराब (एक्यूआइ 300 से अधिक) श्रेणी में ही बना रहेगा। वहीं, मौसम विज्ञानियों की मानें तो अगले कुछ महीनों तक बारिश के बिल्कुल भी आसार नहीं हैं। ऐसे में वायु प्रदूषण से राहत मिलने की उम्मीद नहीं है। कहा जा रहा है कि बारिश के चलते वायु प्रदूषण से थोड़ी राहत मिल सकती है, लेकिन इसके आसार कतई नहीं हैं।

स्मॉग के कारण कई इलाकों में हवा की गुणवत्ता खतरनाक स्थिति में दर्ज की गई। इस वजह से सुबह व शाम सैर व घर के बाहर व्यायाम करना स्वास्थ्य के लिए घातक साबित हो सकता है, इसलिए सफर इंडिया ने सलाह दी है कि सुबह व शाम को अनावश्यक रूप से घर से बाहर न निकलें। खासतौर पर, बुजुर्ग, बच्चे, सांस, ब्लड प्रेशर व दिल की पुरानी बीमारियों से पीड़ित लोग विशेष रूप से सतर्क रहें। दिल्ली एनसीआर में प्रदूषण का एक बड़ा कारण पराली का धुआं हैं।

बता दे, दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए सरकार जल्द ही एक नया कानून लाएगी। पर्यावरण मंत्रालय के एक शीर्ष अधिकारी ने सोमवार को यह जानकारी दी। पर्यावरण सचिव आरपी गुप्ता ने कहा कि नया कानून केवल दिल्ली और एनसीआर के लिए होगा। यह जल्द ही सामने आएगा। इसके जुर्माने संबंधी सूचना पर मैं कोई टिप्पणी नहीं कर सकता। यह नया कानून केवल दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए है। वायु कानून राष्ट्र के लिए है और यह जस का तस रहेगा।