दिल्ली के बुराड़ी इलाके में सोमवार (27 जनवरी) को चार मंजिला इमारत गिरने से बड़ा हादसा हो गया। यह हादसा बुराड़ी के कौशिक एन्क्लेव इलाके में हुआ, जहां 200 गज क्षेत्र में हाल ही में बनी चार मंजिला इमारत ढह गई। मलबे में करीब 20 लोगों के फंसे होने की आशंका थी, जिसके बाद से रेस्क्यू ऑपरेशन तेजी से चल रहा है। अब तक 2 बच्चों समेत 12 लोगों को मलबे से सुरक्षित बाहर निकाला गया है। दिल्ली पुलिस ने जानकारी दी है कि इस हादसे में अब तक 2 लोगों की मौत हो चुकी है। घटना के बाद इलाके में हड़कंप मच गया, और तुरंत बचाव कार्य शुरू किया गया। मलबे में फंसे अन्य लोगों को बचाने के लिए NDRF और स्थानीय प्रशासन का रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है। मलबा हटाने के लिए भारी मशीनरी का इस्तेमाल किया जा रहा है। हादसे के कारणों की जांच की जा रही है, लेकिन शुरुआती जानकारी के मुताबिक निर्माण में नियमों की अनदेखी को संभावित वजह माना जा रहा है।
'हर संभव सहायता दी जाएगी'- CM आतिशीइसको लेकर CM आतिशी ने दुख जताया था और सोशल मीडिया पोस्ट किया था। पोस्ट में उन्होंने लिखा कि बुराड़ी में इमारत गिरने की यह घटना बेहद दुखद है। मैंने स्थानीय प्रशासन से बात की है कि राहत और बचाव कार्य तेज़ी से सुनिश्चित किया जाएं। प्रभावित लोगों को हर संभव सहायता दी जाएगी।
मनोज तिवारी ने दिल्ली सरकार पर लगाया लापरवाही का आरोपसोमवार की रात बुराड़ी में इमारत ढहने की खबर मिलने के बाद बीजेपी सांसद मनोज तिवारी घटनास्थल पर पहुंचे। यहां उन्होंने दिल्ली की आम आदमी पार्टी (AAP) सरकार पर तीखा हमला किया। मनोज तिवारी ने कहा कि यह घटना स्पष्ट रूप से बड़ी लापरवाही का नतीजा है। एक नवनिर्मित चार मंजिला इमारत का इस तरह भरभरा कर गिर जाना बेहद चिंताजनक है। उन्होंने यह भी कहा कि घटनास्थल पर स्थिति देखकर साफ पता चलता है कि यहां कोई भी बुनियादी सुविधा का ध्यान नहीं रखा गया। जो भी इस हादसे के लिए जिम्मेदार होगा, उसे सख्त सजा दी जानी चाहिए। आम आदमी पार्टी सरकार को अपनी जिम्मेदारी स्वीकार करनी चाहिए।
स्थानीय निवासियों की समस्याओं पर भी जताई चिंतामनोज तिवारी ने स्थानीय निवासियों से बातचीत करते हुए उनकी समस्याओं पर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि राजधानी में अवैध निर्माण और नियमों की अनदेखी के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं, और इस ओर तत्काल ध्यान देने की जरूरत है।
घटना के बाद स्थानीय निवासियों में रोष है। उनका कहना है कि इलाके में अवैध और कमजोर इमारतों का निर्माण आम हो गया है, जिससे इस तरह की घटनाएं बढ़ रही हैं। प्रशासन ने मामले की जांच का आश्वासन दिया है।