साल 2018 खत्म होने वाला है लेकिन राजधानी दिल्ली में प्रदूषण का स्तर है कि गिरने का नाम नहीं ले रहा है। दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण पर राज्य और केंद्र दोनों ही सरकारें गंभीर रुप अख्तियार किए हुए हैं। राजधानी में बढ़ते प्रदूषण पर लगाम लगाने के लिए राज्य सरकार एक बार फिर से ऑड-इवन स्कीम को लागू करने पर विचार कर रही है। न्यूज एजेंसी ANI से बातचीत करते हुए दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली में प्रदूषण का स्तर बढ़ने के लिए हर शख्स जिम्मेदार है और इसे कम करने के लिए हर शख्स को अपनी भागीदारी दिखानी होगी।
उन्होंने कहा हम दिल्ली की तमाम जगहों पर पेड़ लगाने का अभियान चला रहे हैं। इसके साथ ही लोग ज्यादा से ज्यादा सार्वजनिक वाहनों का इस्तेमाल करें, इसके लिए 3 हजार बसें खरीदने का फैसला लिया गया है। केजरीवाल ने कहा, 'हमने सबसे बड़े मेट्रो चरणों में से एक को मंजूरी दे दी है। अगर जरूरत पड़ी, तो हम ऑड-ईवन योजना को लागू करेंगे।'
शहर प्रदूषण के सबसे बुरे संकट से जूझ रहा हैदिल्ली की वायु गुणवत्ता मंगलवार को लगातार चौथे दिन ‘गंभीर’ श्रेणी में बनी रही। अधिकारियों ने बताया कि मौसमी परिस्थितियां प्रदूषक तत्वों के बिखराव के लिए प्रतिकूल बनी हुई हैं। दीपावली के बाद से ही शहर प्रदूषण के सबसे बुरे संकट का सामना कर रहा है। एक ओर केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के डेटा के मुताबिक, समग्र वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 416 के ‘गंभीर’ स्तर पर रहा वहीं केंद्र संचालित वायु गुणवत्ता एवं मौसम पूर्वानुमान प्रणाली (सफर) ने 423 एक्यूआई दर्ज किया।
सीपीसीबी के मुताबिक, सोमवार को राष्ट्रीय राजधानी के 25 इलाकों में वायु गुणवत्ता ‘गंभीर’ दर्ज की गई जबकि नौ इलाकों में यह बहुत खराब श्रेणी में रही। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में नोएडा, फरीदाबाद, गाजियाबाद में गंभीर वायु प्रदूषण दर्ज किया गया जबकि गुड़गांव में हवा की गुणवत्ता ‘बहुत खराब’ रही। सीपीसीबी ने बताया कि यहां हवा में अतिसूक्ष्म कणों पीएम 2।5 का स्तर 271 रहा जबकि पीएम 10 का स्तर 422 दर्ज किया गया। शनिवार को दिल्ली की वायु गुणवत्ता ‘गंभीर’ श्रेणी में पहुंच गई थी। राष्ट्रीय राजधानी में रविवार को इस साल का दूसरा सबसे ज्यादा प्रदूषण स्तर दर्ज किया गया जब एक्यूआई 450 पहुंच गया था।