दिल्ली की आबोहवा हुई खतरनाक, आनंद विहार, शाहदरा समेत कई इलाकों में AQI 300 के पार

दिल्ली में वायु प्रदूषण (Air Pollution) के स्तर में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है। पड़ोसी राज्यों में पराली जलाने का असर देश की राजधानी में दिखने लगा है। सोमवार को दिल्ली के कई इलाकों में एअर क्वॉलिटी इंडेक्स (एक्यूआई) का स्तर 300 को पार कर गया, जो खतरनाक स्थित में है।

खास बात है कि दिल्ली के आसपास के इलाकों में एक्यूआई का स्तर सोमवार को खराब स्थिति में है। ग्रेटर नोएडा के नॉलेज पार्क में दर्ज एक्यूआई आज सबसे खराब स्थिति में है। आनंद विहार, शाहदरा और गाजियाबाद में एक्यूआई का स्तर 300 को पार कर गया, जो खतरनाक श्रेणी में आता है। दिल्ली के कई जगहों पर एक्यूआई 200+ रिकॉर्ड किया गया। आनंद विहार में 337, शाहदरा में 328, गाजियाबाद के संजय नगर में 346, इंदिरापुरम में 243, नोएडा के सेक्टर-62 में 231, सेक्टर-116 में 210 रिकॉर्ड किया गया। हालांकि, फरीदाबाद के सेक्टर-30 में एक्यूआई का स्तर 166 ही रहा। सोमवार सुबह ग्रेटर नोएडा के नॉलेज पार्क में एक्यूआई स्तर 547 रिकॉर्ड किया गया, जो बेहद खतरनाक स्थिति में है।

आस-पास के राज्यों में पराली जलाने का सबसे ज्यादा असर दिल्ली पर ही पड़ता है। 15-16 किमी प्रति घंटे की औसत हवा की गति के बावजूद दिल्ली-एनसीआर में हवा की गुणवत्ता लगातार खतरनाक स्तर पर पहुंचती जा रही है। दिल्ली के कई इलाकों में का स्तर 300 को पार कर गया, जो इसे 'खतरनाक' श्रेणी में आता है।

NCRTC पर 50 लाख रुपये का जुर्माना

उधर, रविवार को केजरीवाल सरकार के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय कंस्‍ट्रक्‍शन साइटों पर जाकर वहां प्रदूषण के खिलाफ लिए उठाए जा रहे कामों का जायजा लिया, जहां गड़बड़ियां दिख रही हैं वहां सख्‍ती से कदम उठाए जा रहे है। गोपाल राय ने दक्षिणी दिल्‍ली के कई इलाकों का भ्रमण किया जहां उन्‍होंने NCRTC पर 50 लाख रुपये का जुर्माना लगाने का निर्देश दिया है। जुर्माने का कारण कंस्‍ट्रक्‍शन साइट पर धूल को रोकने के लिए कोई खास इंतजाम का ना होना है। इधर गोपाल राय ने ट्विटर पर इस बात की जानकारी भी दी है कि डीपीसीसी (दिल्‍ली प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड) को यह फाइन लगाने का निर्देश दिया गया है। मंत्री ने कहा था कि प्रारंभिक प्रदूषकों की निगरानी, प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए उठाए गए कदमों और मोबाइल ऐप ‘दिल्ली ग्रीन'के जरिए प्राप्त हुई शिकायतों पर की गई कार्रवाई की जानकारी के लिए 10 सदस्यीय दल गठित किया गया है। पड़ोसी राज्यों में खेतों में पराली जलाने से संबंधित आंकडों की भी समीक्षा ‘वॉर रूम' में की जाएगी। राय ने कहा था कि दिल्ली में वायु प्रदूषण की समस्या से निपटने की दिशा में कई एजेंसियां काम कर रही हैं। उनके बीच समन्वय स्थापित करने के लिए ‘हरित वॉर रूम' बनाया गया है। उन्होंने कहा कि नियंत्रण कक्ष निर्माण और विध्वंस स्थलों, सीमेंट संयंत्रों और कचरा जलाने पर धूल प्रदूषण को समाप्त करने के लिए दिशानिर्देशों को सख्ती से लागू करना सुनिश्चित करने की दिशा में काम करेगा।

उन्होंने कहा था, 'धूल विरोधी यह अभियान 15 अक्टूबर तक मिशन मोड में जारी रहेगा और इसका उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।' उन्होंने कहा कि प्राप्त शिकायतों और शिकायतों के निवारण की दैनिक रिपोर्ट मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को भेजी जाएगी।

ऑड इवन की चर्चा

इधर दिल्‍ली में बढ़ते प्रदूषण के बीच एक बार फिर से ऑड इवन की चर्चा होने लगी है। इस पर पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने बताया कि यह ऑड-इवन एक आपात स्‍थिति है। जब कोई विकल्‍प नहीं बचता है तब यह कदम उठाना पड़ता है। हालांकि अभी सरकार हर उस प्रयास को कर रही है जिससे प्रदूषण को कम किया जा सकते। इधर हर कदम उठाने के बावजूद प्रदूषण में कमी नहीं देखी जा रही है। इसलिए उन्‍होंने यह बताया कि हम इस बात पर भी गौर फरमा रहे हैं। सभी हालात और प्रयास के बाद इस पर विचार किया जाएगा।