अगर फांसी देते समय टूट जाए रस्सी तो क्या माफ हो जाती है सजा, जल्लाद ने दिया ये जवाब

16 द‍िसंबर 2012 को देश की राजधानी द‍िल्ली में न‍िर्भया रेप केस की घटना हुई थी। आज न‍िर्भया रेप कांड की बरसी मनाई जा रही है। न‍िर्भया रेप के दोष‍ियों को कभी भी फांसी दी जा सकती है। जिसके लिए जल्लाद की खोज शुरू हो गई है। तिहाड़ जेल प्रशासन ने जल्लाद की खोज के लिये उत्तर प्रदेश के जेल प्रशासन को चिट्ठी ल‍िखी है। 9 दिसंबर को तिहाड़ जेल प्रशासन की तरफ से चिट्ठी ल‍िखी गई थी ज‍िसमें यूपी जेल प्रशासन से जल्लादों के बारे में ब्योरा मांगा गया। तिहाड़ जेल प्रशासन ने जल्लादों को जल्द से जल्द देने की बात भी इस च‍िट्ठी में कही थी। वही इस बीच दोषियों को फांसी देने को लेकर हमारे मन में कई सवाल उठते है। उन्ही सवालों में से एक है कि क्या फांसी के दौरन अगर रस्सी टूट जाए तो कैदी की सजा माफ हो जाती है क्या? इस पर पवन जल्लाद का कहना है कि एक बार जब फांसी का वक्त मुकर्रर हो गया और फांसी के तख्ते तक कैदी पहुंच गया तो फ‍िर फांसी होकर ही रहती है। भारत में आज तक ऐसा नहीं हुआ क‍ि यहां की जेल में कोई फांसी के तख्ते तक पहुंचा हो और वह बच गया हो।

बता दे, मेरठ के रहने वाले पवन जल्लाद का परिवार पीढ़ी दर पीढ़ी जेल में फांसी देने का काम करता है। पवन से पहले उसके परदादा लक्ष्मण सिंह, दादा कल्लू जल्लाद और पिता मम्मू सिंह भी फांसी देने का काम करते थे। इसी परंपरा को आगे बढ़ाते हुए अब पवन फांसी देता है। पवन का बीवी, बच्चों संग छोटे-बड़े भाइयों वाला परिवार है।