राजस्थान: त्रिकोणात्मक मुकाबले के स्थान पर सीधे टकराव पर आई दौसा लोकसभा सीट, आमने-सामने हुई भाजपा व कांग्रेस

दौसा। राजस्थान लोकसभा चुनाव में प्रतिष्ठा का सवाल बनी दौसा सीट पर त्रिकोणात्मक मुकाबला अब सीधे टकराव में बदल गया है। भाजपा और कांग्रेस के उम्मीदवारों कन्हैया लाल मीणा और मुरारी लाल मीणा के बाद इस चुनाव को त्रिकोणात्मक मोड़ देने में निर्दलीय ताल ठोकने वाले नरेश मीणा ने मतदाताओं में रोचकता का संचार किया था। लेकिन अब नरेश मीणा ने कांग्रेस का हाथ थाम लिया है और उन्होंने अपना नामांकन वापस ले लिया है, जिससे इस सीट के लिए होने वाला मुकाबला सीधे टकराव में बदल गया है।

दौसा लोकसभा क्षेत्र से निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान करने वाले नरेश मीणा ने नामांकन वापस ले लिया है। नरेश मीणा हाल ही में पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा की मौजूदगी में कोटा लोकसभा प्रत्याशी प्रहलाद गुंजल के साथ कांग्रेस में शामिल हुए थे। उनके नामांकन वापस लेने के बाद अब भाजपा प्रत्याशी कन्हैया लाल मीणा और मुरारी लाल मीणा के बीच सीधा मुकाबला देखने को मिलेगा।

कांग्रेस नेता नरेश मीणा ने दौसा सीट से नामांकन दाखिल कर कांग्रेस के साथ-साथ भाजपा की भी टेंशन बढ़ा दी थी। क्योंकि दौसा सीट से कांग्रेस के मुरारी लाल मीणा और भाजपा के कन्हैया लाल मीणा चुनावी रण में है। इसी बीच नरेश मीणा भी चुनावी दंगल में कूद गए थे। ऐसे में यहां एक ही समाज के तीन लोग मैदान में आने से चुनावी समीकरण बिगड़ना लाजमी था। लेकिन अब नरेश मीणा ने नामांकन वापस ले लिया है। साथ ही उन्होंने कहा है कि मैं अब पार्टी के लिए प्रचार करूंगा।

नरेश मीणा पहले भी विधानसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस से बगावत कर चुके हैं। टिकट नहीं मिलने से नाराज होकर नरेश मीणा ने बारां जिले की छबड़ा विधानसभा से चुनाव लड़ा था। हालांकि, वो जीत नहीं पाए थे। इसके बाद उन्हें पार्टी ने निष्कासित कर दिया था। वो हाल ही में 21 मार्च को प्रहलाद गुंजल के साथ कांग्रेस में शामिल हुए थे। लेकिन, अब मुरारी मीणा को टिकट मिलने के साथ ही नरेश मीणा ने फिर से बागी होकर निर्दलीय ताल ठोकी दी थी।