भीलवाड़ा : आयकर और जीएसटी रिटर्न भरने की तिथि बढ़ाने के बाद भी हो रहा विरोध, जानें क्यों

केंद्रीय सरकार ने आयकर भरने की अंतिम तिथि बढ़ाने की घोषणा की है। नई बढ़ी तारीख को लेकर कर सलाहकारों और करदाताओं में रोष है। यह कहना है टैक्स बार एसोसिएशन का। अध्यक्ष सीए अतुल सोमाणी ने बताया कि एसोसिएशन सरकार के इस निर्णय का विरोध करता है। इनका कहना है कि तिथियों को तर्कसंगत बढ़ाना चाहिए। पहले तो 31 मार्च 2019 के जीएसटी रिटर्न की तिथि नहीं बढ़ाई अब करदाता को पेनल्टी के साथ रिटर्न भरना पड़ेगा। दूसरी ओर टैक्स ऑडिट की तारीख 15 जनवरी तक बढ़ाई लेकिन व्यक्तिगत रिटर्न की तारीख 10 जनवरी तक बढ़ाना अफसोस की बात है। क्योंकि व्यक्तिगत करदाता 10 तारीख तक कर सलाहकार के यहां आएंगे। ऐसे हालात में टैक्स ऑडिट कैसे होगा।

दूसरी ओर जीएसटी 1 मासिक रिटर्न की 11 जनवरी है और त्रैमासिक की 13 जनवरी है। कंपोजीशन रिटर्न की अंतिम तारीख 18 जनवरी है जबकि टैक्स ऑडिट की तारीख 15 जनवरी है। ऐसे लगता है कि कर सलाहकार के यहां दोनों टैक्स के करदाताओं की भीड़ पड़ेगी। वास्तव में टैक्स ऑडिट के लिए 5 दिन भी नहीं रहेंगे।

सवाल यह है कि कर सलाहकार करदाताओं को कैसे संतुष्ट कर पाएंगे क्योंकि जिस भी तरह का रिटर्न समय पर नहीं भरा उसमें प्रतिदिन के हिसाब से पेनल्टी देनी पड़ेगी। टैक्स ऑडिट में 1.50 लाख रुपए की पेनल्टी है जो करदाता 31 मार्च 2019 का जीएसटी ऑडिट नहीं करवा पाए उन्हें अब 50 हजार की पेनल्टी देनी पड़ेगी।