दोपहर 12 बजे तक कमजोर पड़ जाएगा चक्रवाती तूफान निवार, कुड्डलोर में 6 घंटे में 24.6 सेमी हुई बारिश

चक्रवाती तूफान निवार (Cyclone Nivar) आधी रात के बाद तमिलनाडु और पुडुचेरी के तटों से गुजरता हुआ आगे निकल चुका है। निवार तूफान (Nivar Cyclone) बुधवार देर रात पुडुचेरी के समुद्र तट से टकराया था। लैंडफॉल की यह प्रोसेस रात 11:30 बजे से 2:30 बजे तक चली। अब इसकी रफ्तार कम होती जा रही है। हवा की रफ्तार भी घटकर 65 से 75 किलोमीटर प्रतिघंटा रह गई। मौसम विभाग (IMD) के मुताबिक टकराने के बाद चक्रवाती तूफान अब पहले की तरह खतरनाक नहीं रहा लेकिन तेज हवा के साथ बारिश अभी जारी है। पुडुचेरी और तमिलनाडु कराइकल,नागापट्टनम और चेन्नई में कल से ही लगातार बारिश हो रही है। बारिश की वजह से अधिकतर इलाकों में जलभराव है।

चेन्नई के मौसम विभाग के मुताबिक, अगले 6 घंटे में (दोपहर 12 बजे तक) तूफान कमजोर पड़ जाएगा। तमिलनाडु के मंत्री आरबी उदयकुमार के मुताबिक, तूफान के चलते किसी की भी जान नहीं गई। फसलें खराब होने की भी कोई सूचना नहीं है। कुछ इलाकों में दीवार गिरने की घटनाएं हुई हैं। 2.5 लाख लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया।

चक्रवात निवार के कारण चेन्नई एयरपोर्ट (Chennai Airport) पर विमान परिचालन कल शाम 7 बजे से आज सुबह 7 बजे तक के लिए निलंबित कर दिया गया था। जिसे कुछ समय के लिए बढ़ा दिया गया है। ताजा जानकारी के मुताबिक चेन्नई एयरपोर्ट अब सुबह 9 बजे तक बंद रहेगा। तूफान को देखते हुए दक्षिण-पश्चिम रेलवे ने दर्जन भर से अधिक ट्रेनों को रद कर दिया है। रेलवे ने कहा है कि जो ट्रेनें रद की गई हैं, यात्रियों को उनका पूरा किराया वापस कर दिया जाएगा। यात्रा की तारीख से छह महीने के भीतर पैसे वापस लिए जा सकते हैं।

तमिलनाडु के कुड्डालोर में सबसे ज्यादा बारिश रिकॉर्ड की गई। यहां बुधवार रात 8:30 से रात 2:30 बजे तक 24.6 सेमी बारिश रिकॉर्ड की गई। वहीं, पुडुचेरी में इस दौरान 23.7 सेमी बारिश हुई। यहां बारिश अभी भी जारी है। नागपट्टनम में इस दौरान 6.3 सेमी, कराईकल में 8.6 सेमी और चेन्नई में 8.9 सेमी बारिश रिकॉर्ड की गई। मुख्यमंत्री ई पलानीसामी ने गुरुवार को भी प्रभावित इलाके के लोगों से घर में रहने की अपील की है।

निवार चक्रवात को देखते हुए तमिलनाडु के 13 जिलों में आज छुट्टी की घोषणा की गई है। पुडुचेरी और कराइकल क्षेत्र में भी अवकाश घोषित किया गया है। बच्चों समेत एक लाख से अधिक लोगों को प्रभावित इलाकों से निकालकर एक हजार राहत शिविरों में रखा गया है। प्रभावित इलाकों में सुरक्षा के लिहाज से बिजली आपूर्ति ठप कर दी गई है।