लोकसभा चुनाव 2019 (Lok Sabha Election) में बीजेपी की शानदार जीत और कांग्रेस की करारी हार के बाद अपना वजूद तलाश रही पार्टी ने आज हार पर मंथन करने के लिए कांग्रेस कार्य समिति (CWC) की बैठक बुलाई है। इसमें राहुल गांधी ने बैठक शुरू होने से पहले हार की जिम्मेदारी लेते हुए कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफे की पेशकश की लेकिन पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और कांग्रेस महासचिव तथा राहुल की बहन प्रियंका गांधी ने उन्हें ऐसा करने से रोक लिया। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, राहुल गांधी के बैठक में जाने से ठीक पहले मनमोहन सिंह और प्रियंका गांधी ने उनसे संगठन महासचिव वेणुगोपाल के कमरे में अलग-अलग बात की। उन्होंने पार्टी अध्यक्ष पद के लिए कोई और विकल्प न होने का हवाला देते हुए अंतिम समय तक राहुल को अध्यक्ष पद पर बने रहने के लिए मनाते रहे। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार राहुल गांधी ने गुरुवार को हार का पूरा जिम्मा लेते हुए अपने इस्तीफे की भी पेशकश की थी, जबकि सोनिया गांधी ने उनका इस्तीफा स्वीकार नहीं किया। हालांकि बाद में कांग्रेस ने इस बात का खंडन करते हुए कहा था कि राहुल ने कभी इस्तीफे की पेशकश नहीं की। वहीं देखा जाए तो अब कांग्रेस इस स्थिति में भी नहीं है कि सदन में विपक्ष के नेता को भी नियुक्त कर सके। ऐसा अब लगातार दो बार हो चुका है।
इस्तीफे की पेशकश से राहुल यह संदेश देना चाहते हैं कि पार्टी के 2014 जैसे बुरे प्रदर्शन के लिए वे भी जिम्मेदार हैं। 2014 में कांग्रेस ने 44 सीटें जीती थीं, इस बार पार्टी को आठ सीटों का फायदा हुआ। माना जा रहा कि बैठक में पार्टी लोकसभा चुनाव में मिली हार पर चर्चा हो सकती है। खासकर मध्यप्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में, जहां पार्टी ने पांच महीने पहले ही विधानसभा चुनाव जीते थे। इसके अलावा कर्नाटक विधानसभा चुनाव में हुई हार पर भी मंथन हो सकता है। यहां कांग्रेस सत्ता में थी, लेकिन इस बार भाजपा ने 28 में से 25 सीटों पर जीत दर्ज की है। कांग्रेस को सिर्फ एक सीट पर संतोष करना पड़ा।