दूसरा डोज लेने के 2 हफ्ते बाद एंटीबॉडीज डेवलप होंगी: AIIMS डायरेक्टर

भारत को कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई के मोर्चे पर जबरदस्त सफलता मिली है। रविवार को ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) की ओर से भारत बायोटेक (Bharat Biotech) की कोवैक्सीन (Covaxin) और सीरम इंस्टीट्यूट (SII) की कोविशील्ड (Covishield) को मंजूरी दे दी है। आपको बता दे, कोवैक्सिन स्वदेशी वैक्सिन है। फिलहाल इसके तीसरे चरण का ट्रायल चल रहा है लेकिन इससे पहले ही इसके आपात इस्तेमाल की मंजूरी दी गई है। इसे बनाने वाली कंपनी भारत बायोटेक का दावा है कि यह वैक्सीन 100% सुरक्षित है। इस बीच दिल्ली AIIMS के डायरेक्टर डॉक्टर रणदीप गुलेरिया ने कहा कि दूसरा डोज लेने के 2 हफ्ते बाद शरीर में एंटीबॉडीज डेवलप होंगी। DCGI ने कहा कि दोनों टीके से सामान्य या मामूली साइड इफेक्ट हैं। जैसे- हल्का बुखार, एलर्जी आदि हैं। लेकिन दोनों ही टीके 100% सुरक्षित हैं। टीके से नपुंसक होने जैसी बातें निराधार हैं।

संभव है जिस राज्य में कोवीशील्ड की खेप भेजी जाएगी, वहां कोवैक्सिन न भेजी जाए। इससे टीकाकरण के दौरान किसी तरह की असमंजस की स्थिति नहीं बनेगी। इसके लिए दो-तीन दिन में स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसिजर (SOP) तय हो जाएंगे। मंजूर किए गए दोनों टीको की दो-दो डोज लगेंगी, जुलाई तक 30 करोड़ लोगों को टीका देने का लक्ष्य है।

Covaxin: तीसरे चरण के नतीजे आने अभी बाकी हैं

ICMR महानिदेशक प्रो. बलराम भार्गव ने बताया, 'यह टीका पूरी तरह सुरक्षित है। वायरस में अब तक जितने बदलाव हुए हैं यह सब पर काम करेगा। कितना प्रभावी है, यह अभी स्पष्ट नहीं। जानवरों पर हुए अध्ययन में यह पूरा प्रभावी रहा। पहले और दूसरे फेज में 800 लोगों को टीका दिया गया, उनमें से किसी को भी कोरोना नहीं हुआ। तीसरे फेज में जिन 22 हजार लोगों को टीका दिया गया, उनमें अब तक साइड इफेक्ट नहीं दिखा है। आखिरी नतीजे आने बाकी हैं।'

Covishield: औसत 70% कारगर

सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के CEO अदार पूनावाला ने बताया, 'अभी हम टीका सिर्फ सरकार को देंगे। जब हमारे पास स्थायी लाइसेंस होगा, तब हम निर्यात भी कर सकते हैं, इसमें कोई परेशानी नहीं।'

उन्होंने कहा कि सरकार को वैक्सीन 200 रुपए में दी जाएगी। वहीं, आम जनता को यह वैक्सीन 1000 रुपए में मिलेगी।

अदार पूनावाला ने कहा कि वैक्सीन के 40-50 मिलियन डोज लगाए जाने के लिए तैयार हैं। उन्होंने कहा कि हम सरकार के साथ कॉन्ट्रैक्टर साइन करने का इंतजार कर रहे हैं। 7-10 दिनों में वैक्सीन उपलब्ध हो जाएंगी।

ट्रायल में कोवीशील्ड का वॉलेंटियर्स को पहले हाफ फिर फुल डोज दिया गया। हाफ डोज 90% असरदार रहा। एक माह बाद फुल डोज दिया गया। जब दोनों फुल डोज दिए गए तो असर 62% रह गया। दोनों ही तरह के डोज में औसत प्रभावशीलता 70% रहेगी।

अभी सिर्फ वयस्कों का टीकाकरण, बाद में 18 साल से कम उम्र वालों पर भी रिसर्च की जाएगी

अदार पूनावाला ने कहा कि थोड़े बहुत साइड इफेक्ट्स नॉर्मल हैं। थोड़ा बहुत सिर में दर्द, थोड़ा बुखार एक दो दिन के लिए होता है। ये पेरासिटामोल की गोली लेने से ठीक हो जाएगा। इसमें कोई घबराने की जरूरत नहीं है। इतनी बड़ी संख्या में लोग इतने कम समय में वैक्सीन लेंगे तो कुछ भी रिएक्शन हो सकता है, ये नॉर्मल है।

स्वास्थ्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार कोवीशील्ड के करीब 7.5 करोड़ और कोवैक्सिन के करीब 1 करोड़ डोज तैयार हैं। ICMR के महानिदेशक प्रो बलराम भार्गव ने कहा कि अभी दुनिया में वयस्कों को ही टीका लग रहा है। बाद में 18 साल से कम उम्र वालों पर रिसर्च होगी, नतीजे आने पर इस आयु वर्ग के लोगों को टीका देने पर फैसला होगा।