देश में कोरोना वैक्सीनेशन (Covid 19 Vaccination) का दूसरा चरण सोमवार से शुरू हो गया। वैक्सीनेशन के पहले दिन ही देश के 4 लाख 27 हजार 072 लोगों को वैक्सीन की पहली डोज़ दी गई। इसी के साथ ही 16 जनवरी से अब तक देश में कोविड-19 रोधी वैक्सीन की 1 करोड़ 47 लाख 28 हजार 569 खुराकें दी जा चुकी हैं। प्रथम दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत कई VVIPs ने कोरोना वैक्सीन का पहला डोज लगवाया। बता दें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह और उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू उन शीर्ष नेताओं में शामिल हैं ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, विदेशमंत्री एस जयशंकर और राकांपा अध्यक्ष शरद पवार ने भी टीका लगवाया। वहीं आज केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन और कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद कोरोना का टीका लगवाएंगे। प्राप्त जानकारी के मुताबिक, डॉ. हर्षवर्धन दिल्ली में तो रविशंकर प्रसाद पटना में टीका लगवाएंगे।
देश ने स्वास्थ्य कर्मियों और कोविड-19 के खिलाफ अग्रिम मोर्चे पर लगे कर्मियों के लिए 16 जनवरी से शुरू होने वाले टीकाकरण कार्यक्रम को आगे बढ़ाया। राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र और तमिलनाडु के राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित ने भी टीका लगवाया। साथ ही केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने भी टीका लगवाया।
पंजीकरण सुबह 9 बजे खुला लेकिन प्रधानमंत्री अपनी पहली खुराक लेने के लिए सुबह ही दिल्ली में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) पहुंचे। उन्होंने सभी लोगों से अपील की कि वे टीका लें। मोदी ने सुबह 7:06 बजे ट्वीट किया, 'एम्स में कोविड-19 टीके की अपनी पहली खुराक ली। हमारे डॉक्टरों और वैज्ञानिकों ने कोविड-19 के खिलाफ वैश्विक लड़ाई को मजबूत करने के लिए जिस तरह से कम समय में काम किया है वह असाधरण है।' उन्होंने कहा, 'मैं जो भी पात्र हैं उन सभी से टीका लेने की अपील करता हूं। एकसाथ, हमें भारत को कोविड-19 मुक्त बनाने की जरूरत है।'
प्रधानमंत्री मोदी ने कोवैक्सिन लगवाई तो भारत बायोटेक के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर डॉ. श्रीकृष्ण एल्ला ने कहा कि प्रधानमंत्री ने खुद हमारी वैक्सीन लगवाई और हम इस बात को लेकर बेहद खुश हैं। उन्होंने देश के सामने मिसाल पेश की है। जो लोग वैक्सीन लगवाने से डर रहे थे, अब वे आगे आएंगे और उनके बीच भरोसा बनाने में मदद मिलेगी। वहीं, हेल्थ मिनिस्टर हर्षवर्धन ने कहा कि विपक्ष के नेताओं को भी आगे आकर वैक्सीन लगवानी चाहिए।
अधिकारियों ने कहा कि पूर्व में वायरस से संक्रमित हुए शाह ने भी टीके की पहली खुराक ली। गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा कि दिल्ली के मेदांता अस्पताल के डॉक्टरों ने शाह को टीका लगाया।
उपराष्ट्रपति ने चेन्नई में लगवाया टीकाउपराष्ट्रपति ने राजकीय मेडिकल कॉलेज, चेन्नई में टीके की अपनी पहली खुराक ली। नायडू ने ट्वीट करके कहा, 'मैं सभी पात्र लोगों से अपील करता हूं कि वे खुद को टीका लगवायें और कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में शामिल हों।'
जयशंकर ने स्वदेशी तौर पर विकसित कोवैक्सीन की एक खुराक ली। उन्होंने कहा, 'सुरक्षित महसूस किया, सुरक्षित यात्रा करेंगे।'
नीतीश कुमार को बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय की मौजूदगी में पटना के आईजीआईएमएस अस्पताल में टीका लगाया गया और उन्होंने लोगों से अपील की कि वे राज्य में कोविड-19 में उपचाराधीन मामलों के घटने के मद्देनजर अपने सुरक्षा ऐहतियात को कम न होने दें।
पटनायक ने टीका लेने के बाद कहा, 'हमारे वैज्ञानिकों, स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं का आभारी हूं कि उन्होंने लोगों को इतने कम समय में टीका उपलब्ध कराया।'
पवार, उनकी पत्नी प्रतिभा पवार और बेटी एवं सांसद सुप्रिया सुले को महाराष्ट्र के एक निगम अस्पताल में एस्ट्राज़ेनेका- ऑक्सफोर्ड की कोविशील्ड टीके की पहली खुराक दी गई।
राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र ने जयपुर के राजभवन में पहली खुराक ली, जबकि तमिलनाडु के राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित ने चेन्नई में टीका लिया।
केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने एम्स दिल्ली में टीका लिया। सिंह ने ट्वीट किया, 'सभी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में कोविड-19 मुक्त भारत आंदोलन में शामिल हों।'
अधिकारियों ने कहा कि द्रविड़ार कषगम के अध्यक्ष के। वीरमणि ने भी चेन्नई के राजीव गांधी सरकारी अस्पताल में टीका लगवाया।
गांधीनगर के एक निजी अस्पताल में टीका लगवाने वालों में गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी की पत्नी अंजलि शामिल थीं, जिन्होंने कहा कि उन्होंने टीका 'यह संदेश देने के लिए लिया है कि लोगों को डरने की जरूरत नहीं है और उन्हें कोरोना वायरस को हराने के लिए टीका लगवाना चाहिए।'
दूसरे चरण में कौन वैक्सीन लगवा सकता है?- भारत में रहने वाले वह सभी नागरिक जो 60 वर्ष से ज्यादा उम्र के हैं या 1 जनवरी 2022 को 60 साल के हो जाएंगे।
- जिनकी उम्र 1 जनवरी 2022 की स्थिति में 45 से 59 वर्ष है और उन्हें लिस्ट में दी गई 20 गंभीर बीमारियों से कोई है।
वह 20 बीमारियां कौन-सी हैं, जो होने पर वैक्सीन लगेगी?- अगर बेनेफिशियरी की उम्र 45 से 59 वर्ष है तो उसे इस बात की पुष्टि करनी होगी कि वह सूचीबद्ध 20 में से कोई गंभीर बीमारी से जूझ रहा है। इसके लिए रजिस्टर्ड मेडिकल प्रैक्टिशनर का सर्टिफिकेट पेश करना होगा।
- इनमें डायबिटीज (शुगर), हाइपरटेंशन, किडनी, लिवर, ल्यूकेमिया, HIV ग्रसित, बोन मेरो फेल्योर और हार्ट फेल्योर समेत 20 गंभीर बीमारियों को शामिल किया गया है। इसके लिए एक फॉर्म भी जारी किया गया है, जिसे डॉक्टर से सर्टिफाई कराना होगा।