लॉकडाउन में फंसे दिल्ली-राजस्थान और हरियाणा आदि से यूपी और बिहार जाने वाले मजदूरों को उनके घरों तक पहुंचाने के लिए शुक्रवार को यूपी रोडवेज ने 16 घंटों के दौरान 86 बसें चलाईं। यूपी रोडवेज के आरएम ए.के. सिंह ने बताया कि हमें सूचना मिली थी कि हरियाणा, राजस्थान और दिल्ली आदि राज्यों में कार्य करने वाले लोग बड़ी संख्या में यहां फंसे हैं। ये सभी अपने घर जाना चाहते हैं, लेकिन कोई साधन नहीं मिल रहा है। इसके बाद रोडवेज ने गुरुवार रात 12 बजे से लेकर शुक्रवार शाम 4 बजे तक अलग-अलग रूटों के लिए 86 बसें उतारीं। ये बसें इटावा, मैनपुरी, हरदोई, सीतापुर, लखनऊ के रास्ते गोरखपुर तक गईं हैं। इसके बाद लोग कौशांबी, और लाल कुआं पर बसों की व्यवस्था करने की मांग कर रहे थे। हालांकि इस दौरान यात्रियों की भीड़ और सोशल डिस्टेंस के नियम का पालन न होने के कारण रोडवेज व जिला प्रशासन की किरकिरी भी हुई। इसके बाद सरकार ने अगले आदेश तक रोडवेज की बसों के संचालन पर रोक लगा दी। बसों का संचालन रुकने से शुक्रवार देर शाम लाल कुआं, कौशांबी व यूपी गेट पर बड़ी संख्या में यात्री फंस गए। लोग बसों के इंतजार में रात तक खड़े रहे। वहीं बसें न मिलने से बड़ी संख्या में यात्री पैदल ही अपने घरों की ओर निकल पड़े।
रोडवेज की इस पहल के बीच अलग-अलग विभागों के अफसरों में तालमेल की कमी भी दिखी। एक तरफ जहां रोडवेज ने गाजियाबाद से बसें भेजीं, वहीं दूसरी तरफ इनमें से कुछ बसों को दूसरे जिलों में रोक लिया गया। ए.के. सिंह ने बताया कि प्रशासन के निर्देश पर यात्रियों को लेकर गई बसों को सिकंद्राबाद के पास बुलंदशहर प्रशासन ने रोक लिया है। वहां करीब 31 बसें रोकी गई हैं।