मजदूरों की घर वापसी के लिए तेलंगाना से झारखंड के बीच चलाई गई 24 कोच वाली स्पेशल ट्रेन

दुनिया में 32 लाख से ज्यादा लोगों को संक्रमण और 2.23 लाख से ज्यादा मौतों के बावजूद 32 देश ऐसे हैं, जहां कोरोनावायरस नहीं पहुंच पाया है। वहां कोरोना का एक भी मामला नहीं मिला है। 29 अप्रैल तक की स्थिति में 247 देशों में से 215 में कोरोना फैल चुका है। भारत की बात करे तो देश में कोरोना संक्रमितों की संख्या 34 हजार 862 हो गई है। शुक्रवार को पश्चिम बंगाल में 37 मरीजों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई। कुल संक्रमितों में से 9 हजार से ज्यादा ठीक हो चुके हैं। गुरुवार को महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा 583, गुजरात में 313, राजस्थान में 144, पंजाब में 105, मध्यप्रदेश में 65 समेत 1799 रिपोर्ट पॉजिटिव आईं। महाराष्ट्र में संक्रमितों की संख्या 10 हजार के पार हो गई है।

तेलंगाना से झारखंड मजदूरों को लाया जा रहा वापस

वहीं, लॉकडाउन की वजह से देश के अलग-अलग हिस्सों में फंसे हुए लाखों मजदूरों को घर लाने का काम शुरू हो गया है। केंद्रीय गृह मंत्रालय की इजाजत मिलने के बाद अलग-अलग सरकारें अपने राज्य के मजदूरों को वापस लाने में जुटी हैं। तेलंगाना के लिंगमपेल्ली में फंसे मजदूरों को लाने के लिए एक स्पेशल ट्रेन की व्यवस्था की गई, जो कि आज रात को झारखंड पहुंचेगी। तेलंगाना से झारखंड के लिए चली इस ट्रेन में मजदूरों को लाया जा रहा है। शुक्रवार सुबह 5 बजे तेलंगाना के लिंगमपेल्ली से ये ट्रेन चली, जो आज रात को 11 बजे झारखंड के हतिया पहुंचेगी। इस ट्रेन में कुल 24 कोच हैं, ऐसे में उम्मीद लगाई जा रही है कि बड़ी संख्या में मजदूर वापस पहुंचेंगे। यूं तो अभी मजदूरों के लिए ट्रेन चलाने का ऐलान नहीं हुआ है, लेकिन इस स्पेशल ट्रेन पर रेल मंत्रालय का कहना है कि राज्य सरकार की अपील पर इसे चलाया गया है। जिसमें सभी तरह के नियमों का पालन किया गया है। ये सिर्फ इकलौती ट्रेन थी, जिसे चलाया गया है। आगे अगर कोई ट्रेन चलती है तो राज्य सरकार और रेल मंत्रालय के निर्देश के बाद ही चलेगी।

बता दें कि कई राज्य सरकारों की ओर से केंद्र से अपील की गई है कि मजदूरों को वापस लाने के लिए स्पेशल ट्रेन की व्यवस्था की जाए। इसपर अभी तक केंद्र का कोई आधिकारिक बयान तो नहीं आया लेकिन झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने मजदूरों की वापसी के लिए स्पेशल ट्रेन चलाने की मांग को लेकर रेलमंत्री पीयूष गोयल से बात की थी। सीएम ने रेलमंत्री से कहा है कि राज्यों को विशेष ट्रेनों की जरूरत होगी ताकि दूसरे राज्यों में फंसे छात्रों, प्रवासी मजदूरों को वापस लाया जा सके।

राज्य सरकार के अनुसार झारखंड के तकरीबन 9 लाख लोग दूसरे राज्यों में फंसे हैं, जिसमे से 6।43 लाख प्रवासी मजदूर हैं और बाकी लोग नौकरी व अन्य काम के वजह से हैं।

गौरतलब है कि केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से जारी गाइडलाइन्स के मुताबिक, हर राज्य को बसों के जरिए अपने यहां के मजदूरों को वापस लाने का काम शुरू करना होगा। इस दौरान सोशल डिस्टेंसिंग, क्वारनटीन, सैनिटाइजेशन, स्क्रीनिंग समेत हर नियम का पालन करना जरूरी होगा।