इंदौर में कोरोना वायरस का खतरा तेजी से बढ़ रहा है। इंदौर में वायरस के बाकी शहरों से ज्यादा घातक होने की आशंका जताई जा ही है। कहा जा रहा है कि ये वायरस विलकुल वैसा ही है जैसा वुहान में था। अगर जांच में इसकी पुष्टि होती है तो इंदौर में स्थिति और खराब हो सकती है। इसलिए इंदौर के सैंपल के सैंपल जांच के लिए प्रदेश सरकार ने इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी पुणे भेजे हैं। यहां अन्य प्रदेशों से मंगाए गए कोरोना वायरस के संक्रमित मरीजों के सैंपल से इंदौर के पॉजिटिव मरीजों के सैंपल की तुलनात्मक जांच की जाएगी। जांच में पता चलेगा कि वायरस की जीन का म्युटेशन तो नहीं हो रहा है। यदि ऐसा हुआ तो यह चीन, अमरिका, युरोपीय और खाड़ी देशों के वायरस से ज्यादा खतरनाक हो सकता है। इंदौर (Coronavirus in Indore) में रविवार रात 31 नए कोरोना संक्रमित मामले सामने आए और तीन लोगों की मौत हुई है। इसके साथ ही शहर में मरने वालों का आंकड़ा 60 तक पहुंच गया है।
इंदौर में वायरस के खतरनाक होने के बावजूद लोग लॉकडाउन में बिना वजह घरों से बाहर निकल रहे है। ऐसे लोगों को सबक सिखाने के लिए पुलिस तरह-तरह तरीके अपना रही है। हाल ही में ऐसी लापरवाही करने पर एक युवक को जवान ने ऐसा सबक सिखाया जिसे वह शायद हमेशा याद रखेगा। इंदौर में एक ऐसा वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमे एक लग्जरी कार चला रहे युवक को रोककर सजा दी गई। पोर्श कंपनी की चमचमाती लग्जरी कार की सवारी बिना मास्क के कर रहे शख्स को जवान ने सड़क पर ही उठक बैठक लगवा दी। जिसका वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।
मालिक और बेटे ने अपनी सफाई दीइस पर कार के मालिक दीपक दरयानी ने बताया, मेरा बेटा संस्कार गाड़ी चला रहा था। उसके पास कर्फ्यू पास और मास्क था, लेकिन वह बिना मास्क पहने गाड़ी चला रहा था। वहीं, कार चला रहे संस्कार का कहना है, मैं खाने के पैकेट बनाने वाली कंपनी में काम करके घर जा रहा था। इस बीच पुलिस ने रोका तो मैंने कार साइड में लगा ली। सुरक्षाकर्मियों ने मेरी एक ना सुनी और बदतमीजी पर उतारू हो गए।
लगानी पड़ी उठक-बैठकबता दें कि लॉकडाउन के बीच शनिवार को एक रसूखदार, पॉर्शे कंपनी की करीब 85 लाख रुपये की लग्जरी कार लेकर घूमने निकल पड़ा। सुखालिया क्षेत्र में एमआर-10 पर पुलिस ने उसे रोका और नियमों का पाठ पढ़ाया। सबक याद रहे इसलिए कान पकड़कर उठक-बैठक भी लगवाई। यह कार इंदौर में सांवेर रोड इंडस्ट्रियल एरिया स्थित आशा कन्फेक्शनरी कंपनी के नाम पर रजिस्टर्ड है। पुलिस के नगर सुरक्षा समिति के गार्ड ने लग्ज़री कार में सवार युवक को पहले तो रोका और गाड़ी को साइड में लगवाया इसके बाद युवक को कार से उतारा। उसने अपना कर्फ्यू पास दिखाने की कोशिश की लेकिन पुलिस गार्ड ने उसकी एक ना सुनी क्योंकि पुलिस की नजर में युवक कोरोना के दौर में खुली कार में बगैर मास्क लगाए घूम रहा था। लिहाजा गार्ड ने पहले युवक से अपने पास और मोबाइल को कार में ही रखने की बात कही और उसके बाद जो हुआ वो मिन्नतें करने वाले युवक की भी समझ से परे था। गार्ड ने डंडा दिखाते हुए युवक को अनूठी सजा दी और लाखों रुपये की कीमत की कार में सवार युवक को आखिरकार उठक-बैठक की सजा भुगतना पड़ी।
भारत में पुलिस विभाग और मौके पर तैनात अन्य सुरक्षाबल लॉकडाउन और सुरक्षा नियमों को तोड़ने वाले लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई कर रहे हैं। कुछ मामलों में, पुलिस मजेदार और हंसाने वाले काम करके लोगों को उनके काम के लिए शर्मिंदा भी किया। पुलिस ने लॉकडाउन नियमों की धज्जियां उड़ाने वाले लोगों को दंडित करने के लिए भी अनोखे तरीके खोजे हैं।