लॉकडाउन / 27 अप्रैल को सभी मुख्यमंत्रियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए PM मोदी करेंगे बात

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) कोरोना वायरस (Coronavirus in India) के प्रकोप और लॉकडाउन (Lockdown) की स्थिति पर तीसरी बार मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक करेंगे। प्रधानमंत्री मोदी राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ 27 अप्रैल की सुबह सभी मुख्यमंत्रियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बैठक करेंगे। इस दौरान पीएम मोदी मुख्यमंत्रियों से फीडबैक भी लेंगे। केंद्र सरकार राज्यों से मिले फीडबैक के आधार पर ही आगे की रणनीति तैयार करेगी। 14 अप्रैल को हुई महत्वपूर्ण बैठक के बाद ही केंद्र सरकार ने 3 मई तक के लिए लॉकडाउन बढ़ाने का निर्णय लिया था।

बता दे, इससे पहले पीएम मोदी ने 11 अप्रैल को राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये बैठक की थी। इस बैठक में ज्यादातर राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने लॉकडाउन को बढ़ाए जाने की सहमति दी थी। राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ पीएम मोदी की पहली बैठक 2 अप्रैल को हुई थी। प्रधानमंत्री ने सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग पर बात की थी। इस दौरान कोरोना वायरस के संकट, लॉकडाउन और मौजूदा हालात पर बात की गई थी।

बता दे, भारत में कोरोना वायरस का संक्रमण लगातार बढ़ता जा रहा है। स्वास्थ्य मंत्रालय के ताजा आंकड़ों के अनुसार, पिछले 24 घंटे में देशभर में 1486 नए मामले सामने आए हैं, वहीं 49 संक्रमितों ने दम तोड़ दिया है। इसी के साथ देश में कोरोना के कुल पॉजिटिव मामलों की संख्या बढ़कर 20471 हो गई है। इनमें से 15859 केस सक्रिय हैं जबकि 3959 लोग ठीक हो चुके हैं। देश में कोरोन से मरने वालों की तादाद बढ़कर 652 हो गई है।

कोरोना वायरस महामारी के दौरान देश में डॉक्टरों और नर्सों पर हमले को देखते हुए सरकार उनकी सुरक्षा के लिए एक अध्यादेश लाई है। नरेंद्र मोदी कैबिनेट की बैठक में आज 123 साल पुराने कानून में बदलाव करने का फैसला किया गया और हेल्थकर्मियों के लिए अध्यादेश लाने का फैसला किया गया। इस अध्यादेश के तहत डॉक्टरों और अन्य हेल्थकर्मियों पर हमला करने वालों को अधिकतम 7 साल तक की सजा हो सकती है।

स्वास्थ्यकर्मियों पर हमला हुआ तो कानून इस तरह काम करेगा


- आरोग्यकर्मियों पर हमला और गैर-जमानती अपराध माना जाएगा
- जांच अधिकारी को 30 दिन के भीतर जांच पूरी करनी होगी
- ऐसे अपराध में 3 महीने से 5 साल तक की सजा और 50 हजार से 2 लाख रुपए तक जुर्माना लगाया जा सकता है
- गंभीर चोट आने की स्थिति में 6 महीने से 7 साल तक की सजा और एक लाख से 5 लाख तक जुर्माना लगाया जा सकता है
- अगर आरोग्यकर्मियों की गाड़ी और क्लीनिक का नुकसान होता है तो उसकी मार्केट वैल्यू का दोगुना हमला करने वालों से वसूला जाएगा