मजदूरों की घर वापसी / शाह ने ममता पर लगाया आरोप, कहा - अनुमति न देना श्रमिकों के साथ नाइंसाफी

केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को शनिवार को पत्र लिखा। उन्होंने आरोप लगाया है कि पश्चिम बंगाल सरकार प्रवासी मजदूरों को लेकर जाने वाली ट्रेनों को राज्य पहुंचने की अनुमति नहीं दे रही है जिससे श्रमिकों के लिए और दिक्कतें खड़ी हो सकती हैं। शाह ने बताया कि केंद्र ने दो लाख से ज्यादा प्रवासी मजदूरों को अलग-अलग राज्य में उनके घर तक पहुंचाने की सुविधाएं दी हैं। पश्चिम बंगाल के श्रमिक भी वापस जाना चाहते हैं, लेकिन राज्य सरकार ट्रेनों को उनके यहां मंजूरी नहीं दे रही है। अमित शाह ने कहा कि ट्रेनों को पश्चिम बंगाल पहुंचने की अनुमति न देना राज्य के प्रवासी श्रमिकों के साथ अन्याय है।

देश के विभिन्न हिस्सों से अलग-अलग गंतव्य स्थानों तक प्रवासी मजदूरों को ले जाने के लिए केंद्र सरकार द्वारा चलाई जा रही 'श्रमिक स्पेशल' ट्रेनों का संदर्भ देते हुए गृहमंत्री ने पत्र में कहा कि केंद्र ने 2 लाख से ज्यादा प्रवासी मजदूरों को घर पहुंचाने की सुविधा प्रदान की है।

शाह ने लिखा कि लेकिन हमें पश्चिम बंगाल से उम्मीद के मुताबिक सहयोग नहीं मिल रहा है। पश्चिम बंगाल की राज्य सरकार ट्रेनों को पश्चिम बंगाल पहुंचने की अनुमति नहीं दे रही है। यह पश्चिम बंगाल के प्रवासी मजदूरों के साथ अन्याय है। यह उनके लिए और दिक्कतें खड़ी करेगा।

बता दे, कोरोना को लेकर पश्चिम बंगाल सरकार और केंद्र के बीच यह नया विवाद पैदा हो गया है। इससे पहले कोरोना संक्रमण और उससे होने वाली मौतों पर दोनों सरकारें आमने-सामने थीं। केंद्र और बंगाल सरकार मौतों के अलग-अलग आंकड़े जारी कर रही हैं। अप्रैल में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कोरोना संक्रमण का जायजा लेने के लिए केंद्रीय टीम को राज्य में भेजने पर आपत्ति जताई थी। तृणमूल कांग्रेस के सांसद डेरेक ओ’ब्रायन ने तो यहां तक कह दिया था कि गुजराज में कोरोना संक्रमण से हालात ज्यादा खराब हैं, लेकिन केंद्र की टीमें वहां नहीं भेजी जातीं।

दरअसल, पश्चिम बंगाल में कोरोना के 1678 केस सामने आ चुके हैं। इनमें से 323 ठीक हुए हैं और 160 लोगों की मौत हो चुकी है। लेकिन ममता सरकार का कहना है कि राज्य में 70 मौतें हुई हैं। बाकी मरीजों की मौत दूसरी बीमारियों की वजह से हुईं।