लॉकडाउन / बैलगाड़ी के लिए बैल बना युवक, परिवार को लेकर खींची गाड़ी

लॉकडाउन में सबसे ज्यादा परेशानी प्रवासी मजदूरों को उठानी पड़ रही है। काम न होने की वजह से ये लोग अपने गृह राज्यों में जाने के लिए सड़कों पर पैदल निकल रहे है। ऐसा ही एक नजारा इंदौर बाइपास पर देखने को मिला। यहां लॉकडाउन में फंसे एक परिवार के पास बैलगाड़ी तो थी, लेकिन एक बैल नहीं था। ऐसे में परिवार ने तय किया कि सभी लोग थोड़ी-थोड़ी दूर तक बैलगाड़ी को खींचकर घर पहुंचेंगे। इसके बाद एक बैल के स्थान पर कभी महिला तो कभी पुरुष जुत गए और बैलगाड़ी खींचने लगे।

इस परिवार के एक युवक ने बताया कि बैलगाड़ी में बैठे दो लोग उसकी भाभी और भाई हैं। वे लोग आज सुबह महू से इंदौर के पत्थर मुंडला गांव के लिए निकले थे। बैलगाड़ी खींचने को लेकर कहा कि उसके पास एक ही बैल है, ऐसे में उसने और परिवार के अन्य सदस्यों ने बैलगाड़ी खींची। पैदल घर जाने की बात पूछी तो बोला कि बैल को कहां छोड़ता। इसलिए पूरा परिवार समय-समय पर बैलगाड़ी खींचकर इंदौर से महू के बीच करीब 30 किलोमीटर के सफर पर निकला।