इस देश ने नहीं मानी लॉकडाउन की नीति, नतीजा हुआ भयानक, हफ्ते भर में बिगड़े हालात

दुनिया में अब तक 55 लाख 68 हजार 402 लोग संक्रमित हैं। 23 लाख 53 हजार 465 लोग ठीक हुए हैं। मौतों का आंकड़ा 3 लाख 46 हजार 900 हो गया है। कोरोना वायरस की फिलहाल कोई दवा नहीं है ऐसे में लॉकडाउन ही एक मात्र तरीका है इस वायरस को फैलने से रोकने का। मार्च के आखिरी तक दुनिया के तमाम देशों ने लॉकडाउन लागू कर दिया लेकिन स्वीडन ने इस महामारी के संकट को देखते हुए भी लॉकडाउन घोषित नहीं किया। स्वीडन में पार्क, बार, रेस्त्रां और स्कूल खुले रहे। शुरुआत में यहां मामले उतनी तेजी से नहीं बढ़े, लेकिन अब कोरोना संक्रमितों की संख्या 32 हजार के पार पहुंच चुकी है।

यहां सबसे बड़ी चिंता मौतों को लेकर है। स्वीडन की आबादी मुंबई की तुलना में कम है, लेकिन यहां 10,000 ज्यादा केस सामने आए हैं और मौतें चौगुनी हुई हैं। लगभग 4,000 मौतों के साथ, स्वीडन की दुनिया में Covid-19 से प्रति व्यक्ति मृत्यु दर छठे नंबर पर है- हर दस लाख पर 384। लेकिन पिछले सात दिनों की बात की जाए तो 342 मौतों के साथ, स्वीडन में प्रति व्यक्ति मृत्यु दर दुनिया में सबसे अधिक रही है।

ब्राजील में भी कोरोना के मामले अनियंत्रित रफ्तार से बढ़ रहे हैं, लेकिन एंटी-लॉकडाउन नजरिए वाले ब्राजील के राष्ट्रपति बोलसोनारो की तुलना में स्वीडिश सरकार का रुख अलग है। बोलसोनारो ने जहां कोरोना वायरस की गंभीरता को कम आंक कर पेश करने की कोशिश की, वहीं लॉकडाउन लागू करने वाले प्रांतों के गवर्नरों के खिलाफ प्रदर्शनों में भी हिस्सा लिया।