WAH!! यूपी जाने के लिए मुंबई से निकली श्रमिक ट्रेन पहुंच गई ओडिशा

प्रवासी मजदूरों की दुर्दशा पर तरस खाकर सरकार ने श्रमिक स्पेशल ट्रेनें चलाने की सोची। इससे शहरों में फंसे श्रमिकों में आस जगी और उन्होंने राहत की सांस ली कि अब सही सलामत अपने घर पहुंच जाएंगे। लेकिन लापरवाही की हद तो तब हो गई जब मुंबई से गोरखपुर के लिए रवाना हुई श्रमिक स्पेशल ट्रेन ओडिशा के राउरकेला पहुंच गई। यानी मुंबई से रवाना हुई वसई रोड-गोरखपुर श्रमिक स्पेशल ट्रेन में सफर कर रहे यात्रियों के लिए अपनों के पास पहुंचने का इंतजार लंबा हो गया। 21 मई को मुंबई से गोरखपुर के लिए रवाना हुई इस ट्रेन को शॉर्टेस्ट रूट से गुजरना था लेकिन रेलवे ने इसका रूट बदलकर काफी लंबा कर दिया और यह ट्रेन 8 राज्यों का चक्कर काटकर ओडिशा के राउरकेला पहुंच गई। छीछालेदर होने के बाद रेलवे ने कहा कि भारी ट्रैफिक कारण यह बदलाव किया गया था।

नाराज यात्रियों ने जब रेलवे से इसका जवाब मांगा तो वहां मौजूद अधिकारियों ने कहा कि कुछ गड़बड़ी के चलते ट्रेन के चालक ने अपना रास्ता खो दिया। रेलवे अधिकारियों का कहना है कि इस पूरे मामले में रेल चालक की कोई गलती नहीं है। गंतव्य में परिवर्तन डिजाइन द्वारा किया गया था। हालांकि ये सवाल अभी बरकरार है कि रेल में यात्रा कर रहे यात्रियों को रूट में बदलाव को लेकर कोई जानकारी क्यों नहीं दी गई? रेलवे ने मामले की जांच शुरू कर दी है।

यात्री फिलहाल ये प्रवासी मजदूर मुंबई से निकलकर अब ओडिशा में फंस गए हैं और अभी भी अपने घर जाने का इंतजार कर रहे हैं।

रेलवे ने कही ये बात

रेलवे का कहना है कि इटारसी-जबलपुर-पंडित दीनदयाल उपाध्याय नगर रूट पर बड़ी संख्या में श्रमिक स्पेशल ट्रेनों के चलने के कारण भारी ट्रैफिक है। इसलिए रेलवे बोर्ड ने पश्चिम रेलवे के वसई रोड, सूरत, वलसाड, अंकलेश्वर, कोंकण रेलवे और सेंट्रल रेलवे के कुछ स्टेशनों से चलने वाली ट्रेनों को फिलहाल बिलासपुर-झारसुगुडा-राउरकेला के रास्ते चलाने का फैसला किया है। इसी के चलते वसई रोड-गोरखपुर श्रमिक स्पेशल ट्रेन को अब बिलासपुर-झारसुगुडा-राउरकेला रूट पर डाइवर्ट करने का फैसला किया है। इस तरह यह ट्रेन अब इटारसी से बिलासपुर, चाम्पा, झारसुगुडा, राउरकेकला, आद्रा, आसनसोल, जसीडीह, झाझा, क्यूल, बरौनी, सोनपुर, छपरा, सीवान होते हुए गोरखपुर पहुंचेगी। पहले इसे महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश से होते हुए उत्तर प्रदेश पहुंचना था। लेकिन अब यह महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, ओडिशा, झारखंड, पश्चिम बंगाल, फिर झारखंड और उसके बाद बिहार होते हुए उत्तर प्रदेश पहुंचेगी।