सूरत से प्रवासी मजदूर पहुंचे धनबाद, श्रमिकों ने कहा- ट्रेन में टिकट खरीदकर बैठना पड़ा

गुजरात के सूरत से 1233 प्रवासी मजदूरों को लेकर एक श्रमिक स्पेशल ट्रेन बुधवार सुबह 4 बजे धनबाद पहुंची। सभी मजदूरों की सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करवाते हुए स्क्रीनिंग की गई और फिर गुलाब के फूल देकर सभी को बस से गृह जिला विदा किया गया। इस दौरान मजदूरों ने बताया कि उन्हें ट्रेन में टिकट खरीदकर बैठना पड़ा। धनबाद पहुंचे मजदूरों ने कहा कि उन्हें प्रदेश लौटने की खुशी है। लेकिन सरकार को ये सोचना चाहिए था कि उनसे टिकट के पैसे न लिए जाए। लेकिन 720 रुपये टिकट के लिए लिये गये। लॉकडाउन में काम बंद था। ऐसे में 720 रुपये भी उनके लिए बड़ी रकम है। बता दे, 1233 मजदूरों में गिरिडीह के 1157, देवघर के 40, धनबाद के दो, दुमका एवं हजारीबाग के एक-एक, कोडरमा के 5 और रांची के 27 श्रमिक शामिल हैं।

ट्रेन के बारे में जानकारी देते हुए धनबाद डीसी अमित कुमार ने कहा कि सूरत से 22 बोगियों के साथ आने वाली ट्रेन में झारखंड के गिरिडीह, देवघर, धनबाद, दुमका, कोडरमा, हजारीबाग तथा रांची जिले के प्रवासी मजदूर पहुंचे हैं। प्रवासी श्रमिकों को ट्रेन से बाहर निकालने के लिए इस बार एक साथ दो बोगियों से उनकी निकासी की व्यवस्था की गई थी। उपायुक्त ने बताया कि ट्रेन के सबसे आगे और सबसे पीछे की बोगी से श्रमिकों को प्लेटफॉर्म पर उतारा गया। इस दौरान पर्याप्त संख्या में सुरक्षा बल और पोर्टरों भी लगाये गये। प्लेटफार्म से शारीरिक दूरी का पालन कराते हुए श्रमिकों का स्वास्थ्य परीक्षण, स्वागत और फूड पैकेट देकर उन्हें रिंग बस से गोल्फ ग्राउंड भेजा गया। गोल्फ ग्राउंड में पुनः सभी श्रमिकों की स्वास्थ्य जांच की गयी। बाद में यहीं से संबंधित जिले के नोडल पदाधिकारी श्रमिकों को लेकर अपने जिले के लिए रवाना हुए।

इधर, इलाहाबाद और रांची से अलग-अलग ट्रेन से मंगलवार को 46 श्रमिक धनबाद पहुंचे थे। 16 श्रमिक प्रयागराज से धनबाद पहुंचे, जबकि 30 मजदूर रांची से आएं। गाेल्फ ग्राउंड में सभी की मेडिकल जांच कराई गई। जांच के बाद उन्हें हाेम क्वारैंटाइन की स्याही लगाकर बस से घर भेज दिया गया।