श्रमिक स्पेशल ट्रेन / मजदूरों ने कहा - 860 रु देकर खरीदा टिकट

अन्य राज्यों में फंसे मजदूरों व स्टूडेंट्स को झारखंड लाने का सिलसिला जारी है। सोमवार को धनबाद समेत झारखंड के 10 जिलाें के मजदूराें काे लेकर श्रमिक स्पेशल ट्रेन केरल से धनबाद पहुंची। 24 काेच वाली श्रमिक स्पेशल ट्रेन में लगभग 2 हजार श्रमिक थे। इस ट्रेन में धनबाद के अलावे बाेकाराे, गिरिडीह, काेडरमा और संथाल के छह जिलाें के श्रमिक थे। स्टेशन से बाहर आने पर कई मजदूरों ने कहा- 860 रुपए दिए तब केरला सरकार ने टिकट कटा कर उन्हें ट्रेन में बिठाया। धनबाद पहुंचने के बाद सभी मजदूरों को स्क्रीनिंग के बाद बसों की सहायता से उनके जिलों में भेजा जाएगा। यहां 14 दिनों तक सभी मजदूर होम क्वारैंटाइन में रहेंगे।

आपको बता दे, लॉकडाउन 3.0 की शुरुआत में ही प्रवासी मजदूरों का घर वापस जाना एक बड़ा राजनीतिक मसला बन गया है। कांग्रेस समेत कई विपक्षी पार्टियों ने आरोप लगाया है कि इस संकट के वक्त में भी केंद्र सरकार मजदूरों से टिकट का पैसा वसूल रही है। हालाकि, रेल मंत्रालय का कहना है कि इन पूरी यात्राओं के लिए सिर्फ राज्य सरकारों से 15% पैसा वसूला जा रहा है, ऐसे में कोई भी टिकट नहीं बेचा जा रहा है। आरोपों के बीच रेल मंत्रालय ने अपनी सफाई में कहा, 'भारतीय रेलवे प्रवासी मजदूरों के टिकट के लिए सामान्य चार्ज वसूल रही है, वो भी राज्य सरकार से सिर्फ 15% ही लिए जा रहे हैं। रेलवे की ओर से कोई टिकट नहीं बेची जा रही है, सिर्फ उन्हीं यात्रियों को ट्रेनों में बैठाया जा रहा है जिनकी जानकारी राज्य सरकारें दे रही हैं।' रेलवे की ओर से बयान दिया गया है कि श्रमिक ट्रेन से जब मजदूरों को छोड़ दिया जाता है, तो ट्रेन खाली ही वापस आ रही है। यात्रा के दौरान भी सोशल डिस्टेंसिंग का पालन हो रहा है। हर प्रवासी मजदूर को रेलवे की ओर से मुफ्त खाना और पानी की बोतल दी जा रही है।

कांग्रेस उठाएगी प्रवासी मजदूरों के टिकट का खर्च

कांग्रेस नेता सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) ने सोमवार को ही एक संदेश जारी किया था, जिसमें ऐलान किया गया था कि कांग्रेस की प्रदेश इकाइयां प्रवासी मजदूरों के टिकट का खर्च उठाएगी। अब जब रेलवे की सफाई सामने आई है, तब कांग्रेस ने फिर सरकार पर हमला बोला है। कांग्रेस का कहना है कि रेलवे अपने आदेश को लेकर दो तरह की बातें बोल रही है, जो आदेश जारी किया गया है उसमें साफ लिखा गया है कि टिकट के पैसे मजदूरों से ही वसूले जाएंगे। कांग्रेस ने मांग की है कि इस ऑर्डर को तुरंत वापस लिया जाए।

इधर, राजस्थान काेटा में फंसे राज्य के 10 जिलाें के 956 स्टूडेंट्स को लेकर श्रमिक (प्रवासी) एक्सप्रेस रविवार शाम 4 बजे धनबाद पहुंची। 19 घंटे में 1322 किलाेमीटर का सफर तय कर धनबाद पहुंचे बच्चों को बोगियों से निकलने के लिए लंबा इंतजार करना पड़ा। सोशल डिस्टेंस का ध्यान रखते हुए पहले एक बोगी से छात्रों को निकाला गया, उनकी जांच हुई, फिर उन्हें परिसार से बाहर भेजा गया। इसके बाद दूसरी बोगी से बच्चों को निकाला गया। फिर धनबाद के स्टूडेंटस काे छाेड़कर बाकी जिलाें के स्टूडेंट्स काे बसों से संबंधित जिला भेज दिया गया।

इधर, डीएस कॉलोनी में सोमवार को एक मोबाइल एटीएम लाई गई। लोगों ने इससे कैश निकाला। दरअसल, कंटेनमेंट एरिया हाेने के कारण 15 दिनों से यहां कर्फ्यू लागू है। घरों से निकलने पर पाबंदी और एटीएम तक जाने की छूट नहीं होने की वजह से मोबाइल एटीएम की सुविधा दी गई। वहीं, खाद्य सामग्री सहित अन्य जरूरी सामान लाेगाें तक मुहैया कराने के लिए जिला प्रशासन ने कुछ दुकानाें काे चिह्नित किया है। वालेंटियर्स के जरिए दुकानदार लाेगाें तक सामान पहुंचा रहे हैं।