महाराष्ट्र में बाबा रामदेव की 'कोरोनिल' को बैन किए जाने पर BJP ने उठाए सवाल, उद्धव से मांगा जवाब

महाराष्ट्र की उद्धव सरकार ने बाबा रामदेव की दवा 'कोरोनिल' की बिक्री पर रोक लगा दी है। महाराष्ट्र दूसरा राज्य है जिसने दवा की बिक्री पर रोक लगाई है इससे पहले राजस्थान सरकार ने भी दवा की बिक्री पर रोक लगाई है। महाराष्ट्र सरकार के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने कहा कि कोरोनिल के क्लीनिकल ट्रायल के बारे में अभी कोई पुख्ता जानकारी नहीं है, ऐसे में महाराष्ट्र में इस दवा की बिक्री पर फिलहाल रोक रहेगी। हालाकि, महाराष्ट्र सरकार के इस फैसले पर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने सवाल उठाने शुरू कर दिए। बीजेपी नेता राम कदम ने कहा कि किसी भी जांच पड़ताल के पहले बाबा रामदेव की दवा को नकली कहां जाना कितना सही है? बीजेपी नेता राम कदम ने गुरुवार को कहा, 'महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने पतंजलि की कोरोनिल दवा को नकली बताया है। उन्होंने यह भी कहा कि निम्स से क्लिनिकल ट्रायल के अनुमोदन की प्रतीक्षा की जाएगी। मैं आदरणीय गृह मंत्री को सूचित करना चाहूंगा कि क्लिनिकल ट्रायल हो चुकी है।'

आगे बीजेपी नेता राम कदम ने कहा, 'निम्स पहले ही क्लिनिकल ट्रायल कर चुका है, तो कोरोनिल को किस आधार पर नकली दवा कहा गया? इसके अलावा, अब निम्स की मंजूरी के बाद क्या महाराष्ट्र सरकार स्वयं लगाए गए कोरोनिल दवा के प्रतिबंध को हटाएगी। महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे जवाब दें।'

बता दे, महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने गुरुवार को अपने ट्विट में लिखा, 'नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज, जयपुर यह पता लगाएगा कि क्या पतंजलि के 'कोरोनिल' का क्लीनिकल ट्रायल किया गया था। हम बाबा रामदेव को चेतावनी देते हैं कि हमारी सरकार महाराष्ट्र में नकली दवाओं की बिक्री की अनुमति नहीं देगी।'

गौरतलब है कि बाबा रामदेव की दवा कोरोनिल पर आयुष मंत्रालय ने आपत्ति जाहिर की थी इसके बाद राजस्थान पहला राज्य था जिसने बाबा रामदेव की दवा कोरोनिल की बिक्री पर रोक लगा दी है। राजस्थान सरकार ने अपने आदेश में कहा कि केन्द्रीय आयुष मंत्रालय की स्वीकृति के बिना कोविड-19 महामारी की दवा के रूप में किसी भी आयुर्वेदिक औषधी का विक्रय नहीं किया जा सकता। राजस्थान सरकार ने कहा कि कोरोना महामारी के उपचार की दवा के रूप में किसी भी औषधी का विक्रय पाए जाने पर विक्रेता के खिलाफ सख्त कार्यवाही की जायेगी। इससे पहले केंद्रीय आयुष मंत्रालय ने रामदेव के दावों पर सवाल खड़े कर दिए थे। विज्ञापन पर रोक लगाया गया और दवा की जांच की बात कही गई है। पतंजलि से दवा के बारे में जानकारी मांगी गई।