कोरोना की रफ़्तार / बस, ट्रेन और ट्रकों पर सवार होकर गांवों-कस्बों तक पहुंच रहा वायरस

देश में कोरोना की रफ़्तार अब तेज हो गई है। जहां पहले दो या तीन हजार मामले रोजाना आते थे वहीं ये आंकड़ा अब बढ़कर 5-6 हजार तक पहुंच गया है। गुरुवार को 6025 नए मामले सामने आए तो 3118 मरीज ठीक भी हुए। वहीं इससे पहले 20 मई को 5547, 19 मई को 6154, 17 मई को 5049 और 16 मई को 4794 संक्रमित मामले सामने आए थे। हालाकि, देश में कोरोना का रिकवरी रेट बढ़कर 40.32% हो गया है। महाराष्ट्र में मरीजों का आंकड़ा 40 हजार के पार पहुंच गया। अकेले मुंबई में 25 हजार से ज्यादा संक्रमित हैं। प्रदेश में 4 लाख से ज्यादा लोग क्वारैंटाइन हैं। गुरुवार को महाराष्ट्र में 2345, तमिलनाडु में 776, दिल्ली में 571, गुजरात में 371, उत्तरप्रदेश में 340, मध्यप्रदेश में 246, राजस्थान में 212, बिहार में 211, कर्नाटक में 143, जम्मू-कश्मीर में 59 और प.बंगाल में 94 मरीज मिले।

अब सवाल उठता है कि लॉकडाउन के बावजूद ये मामले तेजी से क्यों बढ़ रहे है तो बता दे, उत्तर प्रदेश में महाराष्ट्र, गुजरात या फिर अन्य राज्यों से ट्रेन, बस, ट्रक के जरिए प्रवासी मजदूरों के लौटने के बाद से कोरोना वायरस के मरीजों की संख्या में भारी इजाफा हुआ है।

बस्ती में मुंबई से ट्रेन से लौटे 36 मजदूरों के पॉजिटिव मिलने के एक दिन बाद ही बाराबंकी, जौनपुर, वाराणसी, बरेली, सिद्धार्थनगर में 59 और प्रवासी मजदूर कोरोना संक्रमित मिले हैं।

पिछले 36 घंटों में बाराबंकी (14), जौनपुर (15), बरेली (18), वाराणसी (4), सिद्धार्थनगर (8) में कोरोना के नए मरीज मिलने से टेंशन और बढ़ गई है।

विशेषज्ञों का मानना है कि केवल उत्तर प्रदेश ही नहीं बिहार, झारखंड, ओडिशा, पश्चिम बंगाल में भी बड़ी संख्या में मुंबई और दिल्ली से प्रवासी मजदूर लौटे हैं।

बाहर से लौट रहे मजदूरों में से कई संक्रमित


जौनपुर के सीएमओ रामजी पांडेय का कहना है कि पिछले 36 घंटे में जिले में सामने आए 16 पॉजिटिव केसों में से 15 हाल ही में मुंबई से लौटे हैं।

उन्होंने बताया कि वे सभी सड़क मार्ग से ही लौटे हैं। इनके संपर्क में आए लोगों की पहचान के लिए हमने टीमें लगाई हैं। उन्हें ट्रैक कर स्क्रीनिंग की जाएगी।

इसी तरह बाराबंकी में पॉजिटिव टेस्ट हुए सभी 14 लोग मुंब्रा और कालवा से लौटे हैं। 15-16 मई को उनके सैंपल लिए गए और फिर एक दिन पहले उन्हें पॉजिटिव पाया गया। ऐसे ही सिद्धार्थनगर में 11 नए केस में से 8 मुंबई से लौटे हैं।

लोगों के साथ गांवों और कस्बों तक पहुंचा वायरस

ग्लोबल हेल्थ एंड हेल्थ पॉलिसी में रिसर्चर अनंत भान का कहना है कि मुंबई जैसे शहरी इलाकों से ग्रामीण क्षेत्रों की तरफ वायरस का प्रसार तो होना ही था। लॉकडाउन लगाए जाने से पहले ही मजदूरों को व्यवस्थित तरीके से बस और ट्रेन के जरिए उनके घरों तक पहुंचाया जाना चाहिए था। उस वक्त वायरस का प्रसार इतने बड़े पैमाने पर नहीं हुआ था। अब काफी लेट हो चुका है। अब तो वायरस भी लोगों के साथ गांवों और कस्बों तक पहुंच रहा है। समस्या यह है कि हम लोग स्क्रीन, आइसोलेट और टेस्टिंग के लिए जरूरी साधन ही नहीं हैं।'

लॉकडाउन का नहीं हो रहा सख्ती से पालन

वहीं, लॉकडाउन 4.0 में कई राज्यों में सोशल डिस्टेंसिंग और केंद्र की गाइडलाइन का भी ठीक से पालन भी नहीं हो रहा है। इसके लिए केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने राज्यों के मुख्य सचिवों को पत्र लिखा। इसमें उन्होंने लॉकडाउन के नियमों के सख्ती से पालन कराने के निर्देश दिए। केंद्र सरकार ने राज्यों से कहा कि नाइट कर्फ्यू गाइडलाइन का अहम हिस्सा है। शाम 7 बजे से सुबह 7 बजे तक हर तरह की गैर-जरूरी गतिविधियों को रोकने के लिए स्थानीय प्रशासन जरूरी कदम उठाए।

बता दे, देश में कोरोना संक्रमितों की संख्या 1 लाख 18 हजार 222 हो गई है। 3,584 लोगों की मौत हो चुकी हैं वहीं, 48,553 लोग इस वायरस से ठीक हो चुके हैं। भारत में रिकवरी रेट 40.32% हो गई हैं।

सरकार ने जारी किए हेल्पलाइन नंबर

कोरोना से जुड़ी कोई जानकारी लेने या देने के लिए हेल्पलाइन नंबर +91-11-23978046 पर फोन कर सकते हैं। इसके अलावा हर राज्य ने अपना हेल्पलाइन नंबर जारी किया हुआ है। नंबर देखने के लिए ऊपर क्लिक करें।