एम्बुलेंस के नाम पर कोरोना मरीजों से लूट, 10 KM के लिए वसूले जा रहे हैं 10000 रुपये

देश में संक्रमितों का आंकड़ा 11 लाख के पार हो गया। अब तक 11 लाख 16 हजार 623 मरीज हो चुके हैं। इनमें 7,00,305 लोग ठीक हो चुके हैं जबकि 27 हजार 502 मरीजों की मौत हो गई। 3 लाख 88 हजार 414 मरीजों का इलाज चल रहा है। पिछले 24 घंटे में कोरोना के 38 हजार 759 केस सामने आए है। वहीं, आज 674 लोगों की मौत भी हुई है। 22 हजार 648 मरीज ठीक भी हुए है। कोरोना संकट के बीच प्राइवेट अस्पतालों और एम्बुलेंस सेवा देने वाली कंपनियों ने मरीज़ों को लूटने का कोई भी मौका नहीं छोड़ रही है। इन दिनों कई राज्यों में सिर्फ 10-15 किलोमीटर की दूरी के लिए एम्बुलेंस हजारों रुपये वसूल रही है। हैदराबाद में तो सिर्फ 10 किलोमीटर के लिए मरीजों को 10,000 रुपये देने पड़ रहे हैं। पंजाब और महाराष्ट्र को छोड़ कर बाक़ी सारे राज्यों का भी यही हाल है।

अंग्रेजी अखबार द टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक एम्बुलेंस के चार्ज को लेकर लगभग हर राज्य से शिकायतें आ रही हैं। बेंगलुरु में एक शख्स को अपनी मां को हॉस्पिटल ले जाने के लिए 15 हजार रुपये देने पड़े। जबकि उनके घर से हॉस्पिटल की दूरी सिर्फ 6 किलोमीटर थी। यानी 12 किलोमीटर के लिए उन्हें 15 हज़ार रुपये देने पड़े। कोलकाता में कोरोना के मरीजों को 5 किलोमीटर आने-जाने के लिए 6-8 हज़ार रुपये देने पड़ रहे हैं।

इतना ही नहीं कई प्राइवेट एम्बुलेंस वाले तो PPE किट के नाम पर 3 हजार रुपये एक्सट्रा चार्ज कर रहे हैं। कई शहरों में तो लोगों को एम्बुलेंस भी नहीं मिल रहे हैं। कर्नाटक में सरकार की तरफ से 71 एम्बुलेंस चलाए जाते हैं, जिसमें से सिर्फ 23 कोरोना के मरीजों के लिए है। यहां से ऐसी भी खबरें आईं कि एम्बुलेंस के इंतज़ार में दर्जनों लोगों ने दम तोड़ दिया।

पंजाब और महाराष्ट्र में भी ऐसे ही हालात थे। लेकिन शिकायत मिलने के बाद दोनों राज्यों ने यहां चार्ज को फिक्स कर दिए। इससे पहले मुंबई में 10-15 किलोमीटर जाने आने के लिए मरीजों से 30,000 रुपये तक मांगे जाते थे। यानी एक किलोमीटर के लिए करीब 3,000 रुपये। पुणे में भी 7 किलोमीटर के लिए 8,000 रुपये तक लिए जाते थे। लेकिन जून के आखिरी हफ्ते में उद्धव ठाकरे की सरकार ने इस पर रोक लगा दी है।