
तीन जुलाई से शुरू हो रही बहुप्रतीक्षित अमरनाथ यात्रा के लिए प्रशासन ने हर स्तर पर तैयारियां पूरी कर ली हैं। हाल ही में हुए पहलगाम आतंकी हमले के बाद श्रद्धालुओं की सुरक्षा को प्राथमिकता दी जा रही है। इसी के चलते इस बार एक बड़ा फैसला लिया गया है कि कोई भी श्रद्धालु अकेले यात्रा नहीं कर सकेगा। हर किसी को सुरक्षा काफिले के साथ ही यात्रा करनी होगी।
डिविजनल कमिश्नर रमेश कुमार और आईजीपी बीएस तूती ने साझा प्रेस वार्ता में बताया कि इस वर्ष की यात्रा को पहले से ज्यादा सुरक्षित और सुविधाजनक बनाने के लिए तमाम इंतजाम किए गए हैं।
सुरक्षा काफिले के साथ ही होगी यात्राआईजीपी बीएस तूती ने बताया कि 1 जुलाई से ट्रैफिक पुलिस की विशेष एडवाइजरी लागू होगी। सभी श्रद्धालुओं को सुरक्षा काफिले के साथ यात्रा करनी होगी, किसी को भी व्यक्तिगत रूप से आगे बढ़ने की अनुमति नहीं दी जाएगी। जम्मू से लखनपुर तक NH-44 मार्ग पर सुरक्षा घेरा मजबूत किया गया है। इसके अलावा कई संवेदनशील स्थानों पर सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं ताकि यात्रा पर पल-पल निगरानी रखी जा सके।
आरएफआईडी कार्ड से होगी पहचानश्रद्धालुओं की पहचान और ट्रैकिंग के लिए रिसेप्शन सेंटर पर आरएफआईडी कार्ड वितरित किए जाएंगे। रोड ओपनिंग पार्टी हर वाहन की निगरानी करेगी। डिविजनल कमिश्नर रमेश कुमार ने बताया कि इस बार यात्रियों के लिए भोजन और स्वास्थ्य सेवा पर विशेष जोर दिया गया है। करीब 5 लाख श्रद्धालुओं के लिए ठहरने और खाने की व्यवस्था की गई है।
30 जून से ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन शुरूभगवती नगर बेस कैंप में 30 जून से ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन शुरू हो जाएगा। साथ ही, मेडिकल सर्टिफिकेट अनिवार्य होगा और आरएफआईडी कार्ड पंजीकरण के लिए 5 विशेष केंद्र बनाए गए हैं। 180 से अधिक जगहों पर प्रशासनिक और सुरक्षा टीमें तैनात की जाएंगी।
इस बार रेल मार्ग से यात्रा की अनुमति नहीं है। सभी श्रद्धालु सिर्फ सड़क मार्ग और सुरक्षा काफिले के जरिये ही यात्रा कर सकेंगे। बुद्धा अमरनाथ यात्रा के लिए भी अलग दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं।
2 जुलाई को सुबह उपराज्यपाल अमरनाथ यात्रा की विधिवत शुरुआत करेंगे। इस बार यात्रियों के लिए तीन प्रकार के दर्शन और आसान ऑनलाइन पंजीकरण की सुविधा भी उपलब्ध कराई गई है।