लॉकडाउन में खुशियां / मृत समझकर अंतिम संस्कार कर दिया था बेटे का, 3 साल बाद लौटा

कोरोना लॉकडाउन एक परिवार के लिए खुशियां लेकर आया है। दरअसल, मध्यप्रदेश में छतरपुर जिले के बिजावर में एक किशोर उदय कुमार के लौटने से परिजनों के चेहरे खिल गए। तीन साल पहले घर वालों ने किशोर को मरा हुआ समझकर उसका अंतिम संस्कार कर दिया था लेकिन अब वही बेटा वापिस घर लौट आया है। हालांकि, उदय कुमार के घर वापिस आने से एक तरफ घर वाले खुश है वहीं पुलिस के होश उड़ गए है। दरअसल, अब सवाल उठ रहा है कि तीन साल पहले जिस कंकाल की अंत्येष्टि की गई थी आखिर वह किसका था। बताया जा रहा है कि अब पुलिस उस अज्ञात कंकाल के मामले में फिर से खोलने की तैयारी कर रही है।

यह है पूरा मामला

छतरपुर जिले के मोनासैया के जंगल में 3 साल पहले एक नर कंकाल मिला था। कपड़ों के आधार पर पुलिस ने कंकाल शाहगढ थाना क्षेत्र के डिलारी गांव निवासी भगोला आदिवासी को सौंपा दिया था, जिसका 13 वर्षीय पुत्र उदय कुमार गायब हो गया था। परिजनों ने कंकाल को उदय मानकर उसका अंतिम संस्कार भी कर दिया।

घर लौटने के बाद उदय कुमार आदिवासी ने बताया कि वे घरवालों से परेशान होकर तीन साल पहले दिल्ली चला गया था। इस दौरान उसने तीन साल तक गुड़गांव में काम करके अपनी गुजर-बसर की लेकिन जैसे ही लॉकडाउन लगा पिछले दो महीने से काम बंद होने की वजह से परेशान हो गया। तभी वापिस गांव लौटने की सोची। सभी मजदूरों को प्रशासन की देख-रेख में अपने-अपने गांव वापस भेजने का प्रबंध किया जा रहा था। इसी दौरान उदय कुमार आदिवासी भी रविवार को किसी तरह अपने गांव डिलारी पहुंच गया।