कोरोना और प्रदूषण के डबल अटैक से जूझ रही हैं दिल्ली, नवंबर में 400 मरीजों की हुई मौत

देश की राजधानी दिल्ली इस समय प्रदूषण और कोरोना के डबल अटैक से जूझ रही है। दिल्ली में कोरोना के मामले लगातार बढ़ते जा रहे है वहीं, दूसरी तरफ दिल्ली की हवा में दिन ब दिन जहर खुलता जा रहा है। दिल्ली सरकार द्वारा जारी कोरोना के आंकड़ों पर नजर डालें तो महज एक हफ्ते में 400 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है वहीं, नवंबर के महीने में 46 हजार 159 लोग कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं। जून में दिल्ली कोरोना की गंभीर चपेट में थी, तब एक समय संक्रमण दर 30% पर पहुंच गई थी। वहीं, मौत की दर 7% को पार कर गई थी। कोरोना से पूरी दिल्ली में अब तक 6989 लोगों की मौत हुई है और इसमें से 2247 मौत केवल जून के महीने में हुई थी।

अगस्त से नवंबर के बीच का आंकड़ा

- दिल्ली में 1 नवंबर से 7 नवंबर तक 427 लोगों की कोरोना से मौत हो चुकी है।
- एक से 31 अक्टूबर तक दिल्ली में कोरोना से जान गंवाने वालों का आंकड़ा 1124 था।
- एक से 30 सितंबर तक दिल्ली में 917 लोगों ने कोरोना से जान गंवाई थी।
- दिल्ली में 1 अगस्त से 31 अगस्त तक कोरोना से 458 मौतें हुई थीं।

मौत के बढ़ते मामलों पर दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन का कहना है कि दिल्ली में एक दिन का आंकड़ा देखना सही नहीं होगा, हालांकि एक मौत भी दुखद है। दिल्ली में डेथ रेट 1.59% है, जो देश के डेथ रेट से थोड़ा ही ज्यादा है।

विशेषज्ञों का कहना है कि दिल्ली में वायु गुणवत्ता की स्थिति भी बिगड़ रही है, सार्वजनिक स्थानों विशेषकर भीड़-भाड़ वाले क्षेत्रों जैसे बाजारों और दुकानों पर लोगों की आवाजाही बढ़ रही है और सुरक्षा मानदंडों का पालन करने में लापरवाही के कारण कोरोना के मामलों में उछाल आया है। आरएमएल अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक राणा ए के सिंह ने कहा कि प्रदूषण के बढ़ते स्तर और मौसम में बदलाव के कारण श्वसन संबंधी समस्याओं के साथ अस्पताल आने वाले रोगियों की संख्या में वृद्धि हो सकती है। उन्होंने कहा, 'अस्पताल आने वाले कोविड-19 (Covid-19) मरीजों की संख्या में वृद्धि हुई है'।

स्वास्थ्य मंत्री जैन ने दिल्ली में कोरोना वायरस संक्रमण की तीसरी लहर के पीछे के कारकों के बारे में पूछे जाने पर कहा कि इसके कई कारण हैं, जिनमें प्रतिबंधों में ढील और त्योहारी मौसम हो सकते हैं। इसके साथ ही उन्होंने मास्क पहनने के महत्व को दोहराया। जैन ने कहा, 'कई लोग खरीदारी करने के लिए बाजार जा रहे हैं क्योंकि यह त्योहारों का मौसम है। बाजार में कई जगहों पर भीड़ होती है, कई कारण हैं।'

दिल्ली में कोरोना के आंकड़े...

पिछले 24 घंटे में नए मामले - 7745
पिछले 24 घंटे में कोरोना से हुई मौत का आंकड़ा - 77
कुल एक्टिव केस - 41,857
दिल्ली का रिकरवी रेट - 88%
कुल कोरोना केस - 4,38,529
दिल्ली में हुए कुल टेस्टिंग की संख्या- 50 लाख
पिछले 24 घंटे में ठीक हुए मरीज - 6,069
कुल ठीक हो चुके मरीजों की संख्या- 3,89,683
कुल मौतें- 6,989

दिल्ली में पटाखों पर रोक

वहीं, दिल्‍ली-एनसीआर (Delhi-NCR) के लोग इस साल दीपावली (Deepawali) पर आतिशबाजी नहीं कर सकेंगे। NGT ने दिल्‍ली-एनसीआर (Delhi-NCR) में 30 नवंबर तक के लिए पटाखों पर रोक लगा दी है। इसके साथ ही NGT ने अन्‍य राज्‍यों के लिए भी अहम व्‍यवस्‍था दी है। ट्रिब्‍यूनल ने अपने अपने आदेश में कहा कि जिन राज्‍यों में वायु प्रदूषण या एयर क्‍वालिटी ठीक है, वहां 30 नवंबर तक पटाखा छोड़ा जा सकता है। ट्रिब्‍यूनल ने इसके साथ ही यह भी कहा कि खराब AQI वाले शहरों में इस अवधि तक आतिशबाजी प्रतिबंधित रहेगी।

एनजीटी ने अपने आदेश में कहा कि नवंबर में जिन शहरों में एक्‍यूआई खराब या बहुत खराब की श्रेणी में होगा, वहां पटाखा छोड़ने पर पाबंदी रहेगी। इसके अलावा जिन शहरों में एक्‍यूआई 'मॉडरेट' है, वहां सिर्फ ग्रीन पटाखे ही छोड़े जा सकते हैं। इसके अलावा दिवाली, क्रिसमस और नववर्ष की पूर्व संध्‍या के मौके पर सिर्फ दो घंटे के लिए ग्रीन पटाखा जलाने की इजाजत होगी।

दिल्‍ली (Delhi) में तमाम उपायों के बावजूद वायु प्रदूषण की स्थिति में सुधार होता नहीं दिख रहा है। सोमवार सुबह कई इलाकों में हवा की गुणवत्‍ता (AQI) बेहद ही गंभीर श्रेणी में पहुंच गया। इससे सांस लेने में कठिनाई के साथ ही आंखों में जलन की समस्‍या भी सामने आने लगी है। आनंद विहार में AQI का लेवल 484, मुंडका में 470, ओखला फेज 2 में 465 और वजीरपुर में वायु गुणवत्‍ता सूचकांग 468 पाया गया। इसे सीवियर कैटेगरी माना जाता है और इसकी वजह से कई तरह की बीमारियों के होने का खतरा बना रहता है।