राहुल गांधी ने यूट्यूब पर डॉक्युमेंट्री के जरिए जाहिर किया प्रवासी मजदूरों का दर्द, देखे वीडियो

लॉकडाउन के चलते बड़ी संख्या में मजदूर पैदल ही अपने-अपने राज्यों की ओर लौटने को मजबूर हो गए थे। इसको लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी लगातार केंद्र सरकार पर हमला बोल रहे है। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने 16 मई को सुखदेव विहार फ्लाईओवर के पास इन मजदूरों से बातचीत की थी। राहुल गांधी ने आज सुबह अपने यूट्यूब चैनल पर एक वीडियो साझा की है। 17 मिनट के इस वीडियो की शुरुआत प्रवासी मजदूरों के पलायन के दर्द को दिखाने वाले दृश्यों से किया गया है।

शनिवार सुबह 9 बजे उन्होंने अपने यूट्यूब चैनल पर इन मजदूरों से जुड़ी एक डॉक्युमेंट्री लाइव की। इसमें मजदूरों के जज्बे, संकल्प और जीने की कहानी शामिल है। राहुल ने इसकी जानकारी ट्वीट कर दी थी।

क्या है डॉक्युमेंट्री में ?

डॉक्युमेंट्री में देखा जा सकता है कि राहुल मजदूरों से पूछते हैं कि उनके पास पैसा है या नहीं? उन्हें कैसे पता चला कि देश में लॉकडाउन जारी है? राहुल ने जिन मजदूरों से बात की है वे यूपी में झांसी के निवासी हैं और हरियाणा की एक फैक्ट्री में काम करते हैं। बातचीत में उन्होंने बताया कि उन्हें एक पैसे की भी मदद नहीं मिली है। प्रवासियों ने राहुल को बताया कि उनका घर से बाहर निकलना गुनाह हो गया था। पुलिस के अलावा स्थानीय लोग भी उन्हें बाहर निकलने पर मारते थे। पुलिस वाले दो बार आते थे। एक महिला ने भावुक होते हुए राहुल से कहा कि हमें हमारे गांव पहुंचा दीजिए। हमें वापस हरियाणा नहीं पहुंचाना। हमें गांव जाना है। मजदूरों ने बताया कि वे हरियाणा में जहां रहते थे वहां पांच-पाच हजार का सामान छूट गया है जो वापस नहीं आ सकता।

झांसी के रहने वाले महेश कुमार कहते हैं, 120 किलो मीटर चले हैं। रात में रुकते रुकते आगे बढ़े। मजबूरी है कि हमलोगों को पैदल जाना है। एक अन्य महिला कहती हैं, बड़े आदमी को दिक्कत नहीं है। हम तीन दिन से भूखे मर रहे हैं। बच्चा भी है हमारा साथ में, वो भी तीन दिन से भूखा-प्यासा है। एक अन्य महिला कहती हैं कि जो भी कमाया था पिछले दो महीनों में खत्म हो गया है। इसलिए अब पैदल ही घर निकल पड़े हैं।

राहुल ने मास्क बांटे और मजदूरों को घर तक पहुंचाया था

पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष ने पिछले शनिवार को दिल्ली में सुखदेव विहार फ्लाईओवर के पास प्रवासी मजदूरों से 30 मिनट मुलाकात की थी। उनके साथ फुटपाथ पर बैठकर बातचीत की थी। मास्क, खाना और पानी दिया। उन्होंने कार्यकर्ताओं से बोलकर गाड़ियां मंगवाईं और कुछ मजदूरों को घर तक पहुंचाया था।