कोरोना संकट / राहुल गांधी ने मोदी सरकार को घेरा, कहा - फेल रहा लॉकडाउन, अब आगे क्या रणनीति

लॉकडाउन के बीच कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने आज एक बार फिर वीडियो कॉन्‍फ्रेंसिंग के जरिए प्रेस कॉन्‍फ्रेंस की। लॉकडाउन के समय में यह उनकी चौथी प्रेस कॉन्‍फ्रेंस है। इस प्रेस कांफ्रेंस के दौरान राहुल गांधी ने लॉकडाउन को लेकर मोदी सरकार पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस को रोकने के लिए लगाया गया लॉकडाउन अब पूरी तरह असफल साबित हुआ है। उन्‍होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को उम्‍मीद थी कि कोरोना 21 दिन में कंट्रोल हो जाएगा। मगर 60 दिन हो चुके हैं और संक्रमण अभी भी तेजी से बढ़ रहा है। भारत उन देशों में से हैं जहां कोरोना सबसे तेजी से फैल रहा है। कांग्रेस सांसद ने कहा कि पीएम और उनके एडवायजरी स्‍टाफ ने ये उम्‍मीद नहीं की थी कि ऐसा हो जाएगा। उन्‍होंने कहा कि हिंदुस्‍तान पहला ऐसा देश है जो बीमारी के बढ़ते वक्‍त लॉकडाउन खत्‍म कर रहा है।

इसके साथ ही राहुल गांधी ने कहा कि मैं सरकार से पूछना चाहता हूं कि आगे के लिए उसकी क्‍या रणनीति है। मजदूरों के लिए क्‍या व्‍यवस्‍था है, MSMEs को कैसे खड़ा करेंगे? सरकार कहती है कि GDP का 10% पैकेज के रूप में दिया है मगर असल में 1 पर्सेंट ही मिला है। मजदूरों से मुलाकात पर राहुल गांधी ने कहा कि जब मैं उनसे मिला तो कुछ ने कहा कि 'हमारा भरोसा टूट गया'। राहुल ने कहा कि मुझे किसी के मुंह से यह सुनना पसंद नहीं, चाहे अमीर हो या गरीब। सरकार अभी भी उनकी मदद कर सकती है।

साथ ही उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था को और आर्थिक पैकेज दिए जाने की जरूरत है। संकट की इस घड़ी में राज्य अकेले अपनी लड़ाई लड़ रहे हैं। कांग्रेस सांसद ने कहा कि राज्‍यों के पीछे अगर केंद्र सरकार खड़ी नहीं होगी तो वे कोरोना से नहीं लड़ पाएंगे।

कांग्रेस नेता ने कहा कि बेरोजगारी की समस्‍या कोरोना की वजह से नहीं आई है। वह पहले से चली आ रही थी। अब इस पूरी समस्‍या में एक नया एलिमेंट जुड़ गया है। कारोबार बंद हो गए, कई सारे मझोले उद्योग बंद होने जा रहे हैं। उन्‍होंने कहा कि हम इसीलिए छोटे उद्योगों को पैसा देने की डिमांड कर रहे हैं। अगर हम ऐसा नहीं करते तो ये आत्‍मघाती होगा।