राहुल गांधी ने राफेल के आने पर वायुसेना को दी बधाई लेकिन मोदी सरकार से पूछे 3 सवाल

भारत के अंबाला एयरफोर्स स्टेशन पर फ्रांस से पांच राफेल आए। फ्रांस से 7 हजार किलोमीटर की दूरी तय करके बुधवार दोपहर करीब 3:15 बजे 5 राफेल ने भारत की धरती पर कदम रखा। राफेल ने कुछ देर तक अंबाला के आसमान पर गरजते हुए उड़ान भरी और फिर एयरबेस पर स्मूथ लैंडिंग की। पांचों राफेल एक ही एयरस्ट्रिप पर एक के बाद एक उतरे। इसके बाद इन्हें वॉटर कैनन सैल्यूट दिया गया।

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने राफेल लड़ाकू विमान (Rafale Fighter Jet) देश में आने पर भारतीय वायुसेना (Indian Air Force) को बधाई दी है लेकिन भारत सरकार से तीन सवाल पूछे हैं। राहुल गांधी लंबे समय से राफेल विमानों की खरीद में घोटाले का दावा करते आए हैं। उनके नेतृत्व में लड़े गये 2019 के आम चुनावों में कांग्रेस ने इसे बड़ा चुनावी मुद्दा बनाने का प्रयास भी किया था।

बता दें फ्रांस के साथ सौदे तहत राफेल लड़ाकू विमान की पहली खेप भारत पहुंची है। इन 5 राफेल जेट को रिसीव करने के लिए एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया अंबाला एयरबेस पर मौजूद रहे। लेकिन विमानों के भारत आने के बाद विमान खरीद सौदे के सबसे बड़े आलोचक रहे राहुल गांधी ने फिर से मोर्चा खोला है।

राहुल गांधी ने सरकार से पूछे तीन सवाल

राहुल गांधी ने अपने ट्वीट में लिखा है- राफेल के लिए भारतीय वायुसेना को बधाई। इस बीच क्या भारत सरकार जवाब दे सकती है-

- प्रत्येक विमान की लागत 526 करोड़ के बजाय 1670 करोड़ क्यों है?

- 126 की जगह 36 विमान क्यों खरीदे गए?

- दिवालिया हुए अनिल को HAL की जगह 30,000 करोड़ का ठेका क्यों दिया गया?

राहुल गांधी पिछले लंबे समय से राफेल खरीद सौदे में कीमतों और गड़बड़ियों की बात कहते आये हैं और 2019 के आम चुनावों के दौरान उन्होंने इसके इर्द-गिर्द कई बयान दिये थे और दावे किये थे। हालांकि आम चुनावों में हार और पार्टी अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने के बाद से वे काफी दिनों से इस मुद्दे पर शांत थे।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस अनोखे अंदाज में किया राफेल विमानों का स्वागत

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने इन विमानों की लैंडिग का वीडियो शेयर कर अपने अनोखे अंदाज में विमानों का स्वागत किया। पीएम मोदी ने ट्वीट में लिखा, '' राष्ट्ररक्षासमं पुण्यं, राष्ट्ररक्षासमं व्रतम्,राष्ट्ररक्षासमं यज्ञो, दृष्टो नैव च नैव च।। नभः स्पृशं दीप्तम्...स्वागतम्''

इसका मतलब है कि राष्ट्र रक्षा के समान कोई पुण्य नहीं, राष्ट्र रक्षा के समान कोई व्रत नहीं, राष्ट्र रक्षा के समान कोई यज्ञ नहीं। बता दें कि नभः स्पृशं दीप्तम् भारतीय वायुसेना का आदर्श वाक्य है। ‘नभ:स्‍पृशं दीप्‍तमनेकवर्ण व्‍यात्ताननं दीप्‍तविशालनेत्रम्। दृष्‍ट्वा हि त्‍वां प्रव्‍यथ‍ितान्‍तरात्‍मा धृतिं न विन्‍दामि शमं च विष्‍णो।।’

इसका मतलब है कि ‘हे विष्णो, आकाश को स्पर्श करने वाले, देदीप्यमान, अनेक वर्णों से युक्त तथा फैलाए हुए मुख और प्रकाशमान विशाल नेत्रों से युक्त आपको देखकर भयभीत अन्तःकरण वाला मैं धीरज और शांति नहीं पाता हूं।’ पीएम मोदी ने अपने ट्वीट में जो बातें कही हैं इसका जिक्र उन्होंने एक भाषण में भी किया था। प्रधानमंत्री ने कहा कि राष्ट्र रक्षा समं पुण्यं, राष्ट्र रक्षा समं व्रतम, राष्ट्र रक्षा समं यज्ञो, दृष्टो नैव च नैव च।। जिसका मतलब है कि मैं राष्ट्र रक्षा जैसा न तो कोई पुण्य देखता हूं, ना ही राष्ट्र रक्षा जैसा कोई व्रत, ना ही राष्ट्र रक्षा जैसा कोई यज्ञ देखता हूं।