चार दिनों की चुनावी यात्रा पर कर्नाटक पहुंचे कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी सोमवार को उत्तरी कर्नाटक के रायचूर नगर में सड़क के किनारे स्थित एक ढाबे पर रुक गए और वहां पकौड़े और भाजी खाई और प्लास्टिक के ग्लास में चाय पी। उनके साथ कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और पार्टी के अन्य कार्यकर्ता भी थे। कर्नाटक कांग्रेस ने इससे जुड़ी तस्वीरें ट्वीट की हैं। जबकि समाचार एजेंसी एएनआई ने ढाबे में मौजूद राहुल गांधी का वीडियो शेयर किया है।
रायचूर में पार्टी के एक कार्यकर्ता ने बताया, "राहुल गांधी अपनी विशेष बस से उतरे और उन्होंने ढाबे में लकड़ी की बेंच पर बैठकर एक कागज की प्लेट पर परोसी गई चटपटी पकौड़ी और भाजी खाई तथा प्लास्टिक के कप में चाय पी।"
दिसंबर में कांग्रेस अध्यक्ष बनने के बाद राहुल गांधी पहली बार कर्नाटक का दौरा कर रहे हैं। वह शनिवार से कर्नाटक के दौरे पर हैं। अप्रेल या मई की शुरूआत में होने वाले कर्नाटक विधानसभा चुनाव में लोगों का समर्थन लेने के लिए 'जन आशीर्वाद यात्रा' के तहत राहुल शनिवार से उत्तरी कर्नाटक का दौरा कर रहे हैं।
राहुल गांधी द्वारा अचानक सड़क के किनारे ढाबे पर रुकने से ढाबे के मालिक और ढाबे के अन्य कर्मी खुश हो गए और वहां भीड़ लग गई।
ढाबे पर रुकने की योजना हालांकि पूर्वनियोजित नहीं थी, राहुल ने बस के चालक से गाड़ी रोकने को कहा और सड़क के किनारे खुले ढाबे में अपने सुरक्षा कर्मियों के साथ जाकर लकड़ी की बेंच पर बैठ गए।
राज्य के अन्य हिस्सों की अपेक्षा अर्ध शुष्क और गर्म इस इलाके में पकौड़ा और भाजी लोकप्रिय हैं।
मुख्यमंत्री सिद्धारमैया, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जी. परमेश्वरा, लोकसभा सांसद मल्लिकार्जुन खड़गे और पार्टी के प्रदेश प्रभारी के.सी. वेणुगोपाल ने भी राहुल गांधी के साथ पकौड़े, भाजी और लोकप्रिय ईरानी चाय का आनंद लिया।
पार्टी पदाधिकारी ने बताया, "राहुल ने जब ढाबे के मालिक से उसके व्यापार के बारे में पूछा कि वह एक दिन में कितना कमा लेता है, तो उसने बताया कि वह लगभग 2000 रुपये कमाता है। राहुल ने अपने साथ-साथ लगभग 50 पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं को नाश्ता कराने के लिए उसे 2000 रुपये का नोट दिया।"
सप्ताहांत में कोप्पल और बल्लारी जिलों का दौरा करने के बाद राहुल गांधी सोमवार और मंगलवार को हैदराबाद-कर्नाटक क्षेत्र के रायचूर, यदगीर, कलबुर्गी और बीदर के दौरे पर हैं। राहुल गांधी राज्य में अपनी पार्टी की जीत के लिए लोगों, किसानों, महिलाओं, बच्चों से जुड़ने की कोशिश कर रहे हैं।