पीयूष गोयल केसः राहुल गांधी ने दिखाया गुस्सा, ट्वीट में कहा, सबूत सबके सामने है, लेकिन मीडिया नहीं दिखाएगा

कांग्रेस द्वारा केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल पर कथित ‘घोटाले’ का आरोप लगाए जाने के बाद मंगलवार (1 मई) को पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि यह ‘जालसाजी और हितों के टकराव’ का मामला है और ऐसे में गोयल को मंत्री पद से इस्तीफा दे देना चाहिए। गौरतलब है कि भाजपा ने गोयल के खिलाफ लगे आरोपों को खारिज कर दिया है। राहुल ने मंगलवार को ट्वीट में आरोप लगाया, ‘‘पीयूष गोयल का 48 करोड़ रुपए का घोटाले जालसाजी, हितों के टकराव और लालच का मामला है ।उन्होंने कहा कि इसके सबूत मेज पर पड़े हैं लेकिन फिर भी मीडिया इस स्टोरी को छुएगा भी नहीं’’ उन्होंने कहा, ‘‘गोयल को इस्तीफा देना चाहिए।’’

राहुल गांधी ने आगे कहा, ‘ये हमारे देश का दुर्भाग्य है कि पत्रकारों को सच्चाई के लिए खड़े रहना सिखाया गया है लेकिन फिर भी वो सच नहीं बोलेंगे। इससे पहले कांग्रेस ने पीयूष गोयल पर आरोप लगाते हुए कहा था कि उनकी कंपनियों के लेन-देन और उसको ऊंचे दामों पर बेचने की कहानी कोई फिल्म नहीं है। बल्कि एक ऐसा सीरियल है जिसके कई एपिसोड हैं।

इधर दिल्ली में कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने आज एक प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि कांग्रेस ने 28 अप्रैल को दस्तावेजी सबूतों के साथ खुलासा किया था कि किस तरह पीयूष गोयल और उनकी पत्नी की कंपनी फ्लैशनेट इंफो सोल्युशन्स इंडिया लिमिटेड के सारे 50,020 शेयर पीरामल एस्टेट प्राइवेट लिमिटेड ने करीब 10 हजार रुपए प्रति शेयर के हिसाब से खरीद कर 48 करोड़ रुपए का भुगतान किया, उससे पता चलता है कि इन शेयरों की कीमत 1000 गुना बढ़ा दी गई थी।

बीते सोमवार (30 अप्रैल) को कांग्रेस ने कहा था कि ‘केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल द्वारा अपनी कंपनी को लगभग एक हजार गुणा की कीमत पर एक निजी औद्योगिक समूह को बेचे जाने’ संबंधी आरोप पर भाजपा को इधर-उधर की बात करने की बजाय स्पष्ट जवाब देना चाहिए। कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने संवाददाताओं से कहा था, ‘‘हमने सोचा था कि पीयूष गोयल की कहानी एक फिल्म होगी, लेकिन यह तो सीरियल है। यह एक ऐसा सीरियल है जिसमें हमे मेहनत कम करनी पड़ रही है। भाजपा जब पीयूष गोयल का बचाव करती है तो एक नया एपीसोड आ जाता है। इस मामले में रोजाना कुछ न कुछ नया सामने आ रहा है।’’

उन्होंने कहा था, ‘‘भाजपा ने अपने बयान में कहा कि जुलाई, 2014 में कंपनी बेची गई, जबकि कागजात बताते हैं कि कंपनी के शेयर 29 सितंबर, 2019 को हस्तांतरित किए गए। कंपनी कानून के मुताबिक जब तक कंपनी के शेयर हस्तांतरित नहीं हो जाते तब तक कंपनी आपकी है। इस तथ्य के बावजूद सफेद झूठ क्यों बोला जा रहा है?’’ खेड़ा ने सवाल किया था, ‘‘कंपनी इतनी बड़ी कीमत में क्यों बेची गई और इसका जवाब गोयल को देना चाहिए। इस कंपनी की परिसंपत्तियां सार्वजनिक की जाएं।’’