कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे ने किया 'एक राष्ट्र, एक चुनाव' प्रस्ताव का विरोध, बताया अव्यावहारिक

नई दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने 'एक राष्ट्र, एक चुनाव' प्रस्ताव का विरोध करते हुए कहा कि यह अव्यावहारिक है। उन्होंने एक साथ चुनाव के प्रस्ताव को मंजूरी दिए जाने को चुनाव से पहले चुनावी हथकंडा करार देते हुए कहा कि 'जब चुनाव आते हैं, तो वे (भारतीय जनता पार्टी) ये सब बातें कहते हैं। उन्होंने कहा कि देश की जनता भी इसे स्वीकार नहीं करेगी।

उनकी यह टिप्पणी केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा एक साथ चुनाव कराने के प्रस्ताव को मंजूरी दिए जाने के बाद आई है। इससे पहले पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता वाली समिति ने लोकसभा चुनावों की घोषणा से पहले मार्च में रिपोर्ट सौंपी थी।

वैष्णव ने खड़गे पर किया पलटवार


खड़गे द्वारा 'एक राष्ट्र एक चुनाव' को 'अव्यावहारिक' बताए जाने पर केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा, विपक्ष को आंतरिक दबाव (एक राष्ट्र एक चुनाव को लेकर) महसूस हो सकता है, क्योंकि सलाहकार प्रक्रिया के दौरान जवाब देने वाले 80 प्रतिशत से अधिक उत्तरदाताओं ने अपना सकारात्मक समर्थन दिया है, खासकर युवा, वे इसके बहुत पक्ष में हैं।

'एक राष्ट्र, एक चुनाव' पर उच्च स्तरीय समिति की रिपोर्ट बुधवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल के समक्ष रखी गई। वैष्णव ने कहा कि रिपोर्ट को सर्वसम्मति से मंजूरी दी गई। कैबिनेट के समक्ष रिपोर्ट रखना कानून मंत्रालय के 100 दिवसीय एजेंडे का हिस्सा था। उच्च स्तरीय समिति ने पहले कदम के रूप में लोकसभा और राज्य विधानसभाओं के लिए एक साथ चुनाव कराने की सिफारिश की थी, जिसके बाद 100 दिनों के भीतर स्थानीय निकाय चुनाव कराए जाने थे।

पैनल ने समिति द्वारा की गई सिफारिशों के क्रियान्वयन पर विचार करने के लिए एक 'कार्यान्वयन समूह' की स्थापना का भी प्रस्ताव रखा था।

पैनल ने राज्य चुनाव अधिकारियों के परामर्श से भारत के चुनाव आयोग (ईसीआई) द्वारा एक सामान्य मतदाता सूची और मतदाता पहचान पत्र तैयार करने की भी सिफारिश की।

वर्तमान में, ईसीआई लोकसभा और विधानसभा चुनावों के लिए जिम्मेदार है, जबकि नगर पालिकाओं और पंचायतों के लिए स्थानीय निकाय चुनावों का प्रबंधन राज्य चुनाव आयोगों द्वारा किया जाता है।